Japan Hakuto-R: चांद पर दुनिया का पहला निजी लैंडर उतरने में हुआ फेल,जापान का टूटा सपना

जापान (Japan) का एक निजी चांद मिशन मंगलवार (25 अप्रैल) की रात चांद पर उतरने में असफल रहा. इस तरह से जापान का चांद के सतह पर खुद का लैंडर उतारने का सपना पूरा नहीं हो सका. जापान के लैंडर का नाम हकोतो-आर मिशन (Hakuto-R Mission) था. ऐसा माना जा रहा है कि तेजी से उतरने की कोशिश में लैंडर रोवर हादसे का शिकार हो गया.

आईस्पेस के अधिकारियों ने एक लाइव स्ट्रीम में कहा कि हमारा संपर्क लैंड रोवर से टूट गया. हमें ये मानना होगा कि हम चांद की सतह पर लैंडिंग पूरी नहीं कर सके. जापानी कंपनी के इस सैटेलाइट को पिछले साल दिसंबर में फ्लोरिडा के केप केनवरल से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था.

स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट से किया लॉन्च
स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट (SpaceX Falcon-9 rocket) से लॉन्च किए जाने के बाद स्पेस जेट करीब एक महीने पहले चांद की कक्षा में पहुंचा था. हकोतो-आर ने मंगलवार को चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई से 6,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरते हुए चंद्र सतह पर उतरना शुरू किया.

लैंडिंग करने के दौरान संपर्क में रुकावट आई. शुरू में ऐसा लगा कि रोवर लैंड कर जाएगा, लेकिन कुछ देर के बाद वो खो गया. लैंडर को JAXA, जापानी टॉयमेकर टॉमी और सोनी ग्रुप के साथ-साथ संयुक्त अरब अमीरात के फोर विलर राशिद रोवर के ओर से विकसित दो-पहिया, बेसबॉल-आकार के रोवर को डिज़ाइन किया गया था.

अगले साल भी करेगा लॉन्च
हकोतो-आर मिशन (Hakuto-R Mission) 7.55 फीट लंबा है. ये 100 किलोमीटर की ऊंचाई से 6,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ रहा था. जापान के पहले अमेरिका, रूस और चीन ने ही चांद पर आरामदायक लैंडिंग करने में सफलता हासिल कर सका है.

इसके अलावा इजरायल और भारत भी इस मामले में असफल साबित हुए हैं. भारत का विक्रम लैंडर भी चांद पर उतरने में असफल साबित हुआ था. जापान ने इस मिशन से जुड़े दूसरे यान को अगले साल यानी 2024 में लॉन्च करने की योजना बनाई है. ये उम्मीद है कि अगले साल आईस्पेस अपना खुद का लैंड रोवर लेकर आएगी.