स्मार्ट मीटर परियोजना में गोपनीयता उल्लंघन की बात पूरी तरह निराधार

स्मार्ट मीटर परियोजना में गोपनीयता उल्लंघन की बात पूरी तरह निराधार

स्मार्ट मीटर को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों पर मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का स्‍पष्‍टीकरण

भोपाल 9 अक्‍टूबर। स्मार्ट मीटर को लेकर विभिन्न मीडिया चैनलों, समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के माध्‍यम से फैलाई जा रही भ्रांतियों को लेकर मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपना स्‍पष्‍टीकरण जारी किया है। इस संबंध में कंपनी ने कहा है कि इस तरह के प्रसारित समाचार पूर्णतः भ्रामक, तथ्यहीन एवं निराधार है। स्मार्ट मीटर परियोजना से संबंधित सुरक्षा, गोपनीयता से जुड़े जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। विद्युत वितरण कंपनी ने स्पष्ट किया है कि परियोजना के प्रत्येक चरण — चाहे वह तकनीकी चयन हो, ठेका प्रक्रिया हो या कार्यान्वयन — सभी सरकारी दिशानिर्देशों एवं पारदर्शी प्रक्रियाओं के अंतर्गत किए गए हैं। अतः प्रस्तुत आरोप केवल जनमानस को भ्रमित करने वाले हैं और परियोजना की साख को नुकसान पहुँचाने का प्रयास हैं।

सभी स्मार्ट मीटर से प्राप्त डेटा तथा अन्य संबंधित सूचनाएँ भारत में स्थित डेटा सेंटरों में सुरक्षित रूप से संग्रहीत की जाती हैं। उदाहरण स्वरूप, M/s Cyfuture India Pvt. Ltd., सीतापुर इंडस्ट्रियल एरिया, जयपुर द्वारा यह डेटा प्रबंधन किया जा रहा है। यह कंपनी MeitY (Ministry of Electronics and Information Technology) द्वारा empanelled है तथा निम्नलिखित अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करती है –

• ISO/IEC 27001: सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली हेतु मानक

• ISO/IEC 27017:2015: क्लाउड सेवाओं हेतु सूचना सुरक्षा नियंत्रणों की आचार संहिता

• ISO/IEC 27018: सार्वजनिक क्लाउड में व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी (PII) की सुरक्षा हेतु आचार संहिता

इसके अतिरिक्त, यह संस्थान CERT-In (Computer Emergency Response Team – India) के दिशानिर्देशों एवं निर्धारित ऑडिट नीतियों का भी पालन करता है, जिससे डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित होती है।

यह उल्लेखनीय है कि स्मार्ट मीटर केवल विद्युत ऊर्जा की खपत (consumption) को रिकॉर्ड करता है, यह किसी प्रकार का फोटोग्राफ, ऑडियो या वीडियो रिकॉर्ड नहीं करता। अतः किसी भी प्रकार की गोपनीयता उल्लंघन की बात पूरी तरह निराधार है।

साथ ही, स्मार्ट मीटर परियोजना का ठेका पूरी तरह से एल-1 (L1) सिद्धांत के आधार पर प्रतिस्पर्धात्मक निविदा प्रक्रिया के माध्यम से दिया गया है। अतः धनराशि के दुरुपयोग या अनियमितता के आरोप पूरी तरह से आधारहीन एवं तथ्यविहीन हैं।

अतः यह कहना कि स्मार्ट मीटर परियोजना में किसी प्रकार की सुरक्षा या गोपनीयता का उल्लंघन हो रहा है या धनराशि का दुरुपयोग किया जा रहा है, पूर्णतः असत्य, भ्रामक एवं निराधार है। स्मार्ट मीटर परियोजना पारदर्शी तरीके से उपभोक्ता हित एवं ऊर्जा दक्षता को ध्यान में रखते हुए संचालित की जा रही है

“नागरिकों में बिजली बिल में वृद्धि, गोपनीयता और सुरक्षा संबंधी शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं”। यह कथन पूर्णतः अतार्किक, पक्षपातपूर्ण एवं भ्रामक है। स्मार्ट मीटर एक वैज्ञानिक सिद्धांत पर कार्य करने वाली मशीन है, जिसमें किसी भी प्रकार का मानवीय पक्षपात (bias) संभव नहीं है। जहाँ मनुष्य किसी विशेष धारणा या विचार से प्रभावित हो सकता है, वहीं मशीन पूर्णतः निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से कार्य करती है।

स्मार्ट मीटरों की गुणवत्ता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए इन्हें मान्यता प्राप्त थर्ड पार्टी (NABL-accredited) प्रयोगशालाओं द्वारा Type Tested एवं Acceptance Tested किया गया है। इसके अतिरिक्त, डिस्कॉम की अपनी NABL मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में 100% मीटरों का परीक्षण किया जाता है, जिससे उनकी शुद्धता की पुष्टि होती है। फिर भी यदि किसी उपभोक्ता को मीटर की सटीकता पर संदेह हो, तो मीटर परीक्षण मशीन या चेक मीटर की सुविधा उपलब्ध है, जिससे उपभोक्ता की शंका का निवारण किया जा सकता है।अतः यह कहना कि स्मार्ट मीटरों के कारण बिजली बिलों में अनुचित वृद्धि या गोपनीयता एवं सुरक्षा से जुड़ी समस्याएँ बढ़ी हैं, पूरी तरह से गलत,तथ्यों से परे और भ्रामक है। स्मार्ट मीटर परियोजना पारदर्शिता, उपभोक्ता हित और ऊर्जा दक्षता को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक एवं सुरक्षित तरीके से लागू की गई है।

प्रमुख कंपनियों और ठेकों संबंधी आरोपों पर स्पष्टीकरण

भारत सरकार / पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) द्वारा प्रकाशित स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट (SBD) के क्लॉज़ Section 2. Eligibility Requirements 8, Qualification Requirements के पॉइंट 2 के अनुसार, भारत के बाहर dh daiuh dks भी निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र माना जाता है। इसी प्रावधान के अंतर्गत टेक्नो-कमर्शियल मूल्यांकन एवं L1 आधार पर चयन के पश्चात, एम/एस अल्फ़ानार पावर प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम (लीड बिडर), जो कि भारत में पंजीकृत कंपनी है, को स्मार्ट मीटरिंग कार्य हेतु Advanced Metering Infrastructure Service Provider (AMISP) घोषित किया गया। अल्फ़ानार पावर प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम (लीड बिडर), }

द्वारा  प्रस्तुत ऑनलाइ्र्रन बिड के अनुसार फर्म मेसर्स कंपनी एक्ट 2013 के अंतर्गत पंजीकृत है जिसका पंजीयन क्रमांक U45500HR2018FTC076004 दर्ज हैं। एम/एस अल्फ़ानार पावर प्राइवेट लिमिटेड भारत सरकार की पंजीकरण प्रक्रिया के अनुसार, REC द्वारा जारी एवं ऊर्जा मंत्रालय की समिति द्वारा अनुमोदित आवश्यक pre-qualification एवं technical empanelment प्रमाणपत्र रखती है, जैसा कि Ministry of Power के पत्र क्रमांक F.No.14/02/2021-UR&SI-II-Part(1)-(E-258136) दिनांक 10 जनवरी 2022 में उल्लिखित है।

एम/एस अल्फ़ानार पावर प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम (लीड बिडर), वं कंसोर्टियम पार्टनर को लेटर ऑफ अवार्ड जारी किये जाने हेतु प्रकरण सक्षम अनुमोदन उपरांत फर्म को दिनांक 10/01/2024 को लेटर ऑफ अवार्ड जारी किया गया एवं अनुबंध दिनांक 14/03/2024 को निष्पादित किया गया किसी भी मैजिंग डायरेक्टर/डायरेक्टर का पाकिस्तान का नागरिक होने की पुष्ठी नही पाई गई है एवं कार्यादेष के उपरांत स्मार्ट मीटर लगाये जाने हेतु मेसर्स अल्फ़ानार पावर प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम (लीड बिडर) द्वारा पाकिस्तान के कुछ अधिकारी एवं कर्मचारी को शमिल किया गया है यह मध्य क्षेत्र कंपनी के संज्ञान में नही है।

एम/एस अल्फ़ानार पावर प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम (लीड बिडरद्वारा दिनांक 12/08/2025 को एक स्‍पष्‍टीकरण भी प्रस्तुत किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि इस परियोजना में किसी भी पाकिस्तानी नागरिक की कोई संलिप्तता नहीं है। उपरोक्त आरोप भ्रामक एवं तथ्यों से परे हैं। स्मार्ट मीटर परियोजनाओं से संबंधित निविदाओं (tenders) की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी, प्रतिस्पर्धात्मक और मानक प्रक्रिया (Standard Bidding Document – SBD of REC) के अनुसार की जाती है।

निविदा का मूल्यांकन (Evaluation) तीन प्रमुख आधारों पर किया जाता है —

1. तकनीकी मूल्यांकन (Technical Evaluation)

2. वित्तीय मूल्यांकन (Financial Evaluation)

3. प्रौद्योगिकी प्रदर्शन (Demonstration of Successful Technology)

यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि SBD में प्रत्येक तकनीकी एवं वित्तीय पात्रता (qualification clause) के लिए एक से अधिक विकल्प (options) उपलब्ध रहते हैं। AMISP (Advanced Metering Infrastructure Service Provider) अपने अनुसार कोई भी उपयुक्त विकल्प चुनकर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करता है। डिस्कॉम द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच इन्हीं विकल्पों के अनुसार की जाती है। यदि मूल्यांकन के दौरान किसी बिंदु पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता होती है, तो डिस्कॉम संबंधित एजेंसी (AMISP) से निर्धारित समय सीमा के भीतर स्पष्टीकरण मांगता है। यदि AMISP समय सीमा के भीतर उचित दस्तावेज या स्पष्टीकरण प्रस्तुत करता है, तो उसे पात्र घोषित किया जाता है; अन्यथा वह अयोग्य (failed) घोषित किया जाता है। यह भी उल्लेखनीय है कि एक ही कंपनी विभिन्न डिस्कॉम्स में अलग-अलग विकल्पों के आधार पर पात्र या अपात्र घोषित हो सकती है — यह सामान्य प्रक्रिया है। उदाहरणस्वरूप, पूर्व में भी कुछ स्मार्ट मीटर निविदाओं में एक ही कंपनी दो डिस्कॉम्स में पात्र घोषित हुई जबकि तीसरे डिस्कॉम में अयोग्य पाई गई।

हाल ही में हुए स्मार्ट मीटर निविदा में भी एक कार्यरत AMISP को तकनीकी प्रदर्शन (demonstration) में असफल होने के कारण अयोग्य घोषित किया गया है। यह स्वयं प्रमाणित करता है कि डिस्कॉम की निविदा प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी, निष्पक्ष और तकनीकी मानकों पर आधारित है। डिस्कॉम में निविदा मूल्यांकन के लिए तीन स्वतंत्र समितियाँ (Committees) गठित होती हैं —

Low-Level Committee: जिसमें विभिन्न विभागों के कई सदस्य दस्तावेजों की प्रारंभिक जाँच करते हैं।

High-Level Committee: जिसमें वरिष्ठ अधिकारी निर्णय प्रक्रिया की समीक्षा करते हैं।

Technical Committee: जिसमें अत्यधिक अनुभवी तकनीकी विशेषज्ञ मीटर, HES, और कम्युनिकेशन सिस्टम की गहन तकनीकी जाँच करते हैं।

इन तीनों स्तरों की जाँच और अनुमोदन के बाद ही किसी एजेंसी को पात्रता दी जाती है। अतः यह कहना कि ठेके अनुचित या अपारदर्शी ढंग से दिए गए हैं, पूरी तरह से निराधार, भ्रम फैलाने वाला एवं असत्य है। स्मार्ट मीटर परियोजना में डिस्कॉम द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया न्यायसंगत, पारदर्शी एवं तकनीकी रूप से प्रमाणित है, जो उपभोक्ता हित एवं शासन की जवाबदेही दोनों सुनिश्चित करती है।

DPIIT पूर्व अनुमति (Rule-144(xi)) को लेकर क्या स्पष्टीकरण है?

DPIIT पूर्व अनुमति (Rule-144(xi)) का स्पष्टीकरण यह है कि भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के बोलीदाताओं को सार्वजनिक खरीद में भाग लेने के लिए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा गठित पंजीकरण समिति के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य है। यह नियम GFR, 2017 के नियम 144(xi) में जोड़ा गया है और इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और भूमि सीमा से जुड़े जोखिमों को कम करना है, ताकि केवल वे ही कंपनियां बोली लगा सकें जो DPIIT से पूर्व अनुमति प्राप्त कर चुकी हों।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी अरब भारत के साथ कोई भूमि सीमा साझा नहीं करते हैं। यह भी स्पष्ट किया जाना आवश्यक है कि इस निवेश (49% हिस्सेदारी अधिग्रहण) का डिस्कॉम से कोई संबंध नहीं है। यह पूरी तरह से एक कॉरपोरेट स्तर का व्यावसायिक निर्णय है, जो संबंधित कंपनियों के बीच हुआ है। डिस्कॉम की भूमिका केवल निविदा प्रक्रिया के अनुसार पात्र एजेंसी का चयन और अनुबंध की शर्तों के पालन की निगरानी तक सीमित है।

यह स्पष्ट किया जाता है कि AMISP कार्य M/s Alfanar Power Pvt. Ltd., गुरुग्राम (भारत) को तथा CMDM कार्य M/s Esyasoft Pvt. Ltd., बेंगलुरु (भारत) को आवंटित किया गया है। दोनों ही कंपनियाँ भारत में विधिवत पंजीकृत हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग से संबंधित समस्त डेटा भारत में स्थित डेटा सेंटरों में ही सुरक्षित रूप से संग्रहित किया जाता है।

जहाँ तक अंतरराष्ट्रीय संगठनों का संबंध है, कंपनियाँ अपनी सुविधा अनुसार बहुराष्ट्रीय कर्मचारियों की नियुक्ति कर सकती हैं। इसके बावजूद, कंपनियों द्वारा (undertaking) दिया गया है कि इन परियोजनाओं में कोई भी पाकिस्‍तानी नागरिक कार्यरत नहीं है। मेसर्स अल्फ़ानार पावर प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम (लीड बिडर) द्वारा दिनांक 12/08/2025 को एक स्‍पष्‍टीकरण प्रस्तुत किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि इस परियोजना में किसी भी पाकिस्तानी नागरिक की कोई संलिप्तता नहीं है।

यह उल्लेखनीय है कि Landis & Gyr, जिसे पूर्व में उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा में ब्लैकलिस्ट किया गया था, के ELGL मीटर को अभी तक डिस्कॉम द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है। इस संबंध में, आवश्यक कार्रवाई SBD की शर्तों के अनुसार की जाएगी। यह पूरी तरह से RfP में परिभाषित प्रक्रिया है। डिस्कॉम द्वारा termination notice तब जारी किया जाता है जब कोई निश्चित समयसीमा या माइलस्टोन पूरा नहीं होता। साथ ही, ऐसे नोटिस गुणवत्ता एवं उत्पादकता में सुधार लाने के उद्देश्य से भी जारी किए जाते हैं। इसी प्रकार, अल्फ़ानार की किसी भी सहायक कंपनी (जिसमें Esyasoft, Schneider, HPL, Linkwell, Cyfuture सम्मिलित हैं) अथवा भारत में स्थित किसी भी स्मार्ट मीटर विनिर्माता, जिनसे मीटर की आपूर्ति ली गई है, सभी registered Indian companies हैं। साथ ही, डिस्कॉम द्वारा स्मार्ट मीटरिंग परियोजना में ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी Cybersecurity Mechanism Guidelines का पूर्ण अनुपालन किया जा रहा है, जो डेटा की गोपनीयता, अखंडता एवं नेटवर्क सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं। परियोजना की सुरक्षा एवं अनुपालन की स्वतंत्र पुष्टि हेतु, CERT-IN द्वारा अनुमोदित Netrika Consulting India Pvt. Ltd.Gurugram से तृतीय-पक्ष सुरक्षा ऑडिट भी संपन्न किया गया, जिसमें सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल एवं मानकों के अनुरूपता की पुष्टि की गई।

अत: मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी स्‍पष्‍ट करती है कि स्मार्ट मीटर परियोजना में उपभोक्ताओं के डेटा की सुरक्षा, गोपनीयता तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु अत्याधुनिक सूचना सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है।