रूस के खिलाफ एक साथ आए कई देश, राजनयिकों का किया निष्कासन

यह दुनिया में फिर से शीत युद्ध शुरू होने की आहट है। अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड समेत 16 देशों ने रूस के 104 राजनयिकों को अपने देश से निष्कासित कर दिया है। ब्रिटेन पहले ही 23 रूसी राजनयिक निष्कासित कर चुका है। ट्रंप प्रशासन ने सिएटल स्थित रूसी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई राजनयिकों की आड़ में खुफिया अधिकारियों के कार्य करने के शक में की गई है। यह कार्रवाई ब्रिटेन में पूर्व रूसी जासूस पर केमिकल अटैक के बाद हुई है। ब्रिटेन ने हमले के लिए रूस को दोषी ठहराया है।
रूस के खिलाफ बड़े देशों ने की क्या कार्रवाई
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के रूसी मिशन में तैनात रूस के 60 राजनयिक निष्कासित। इन्हें देश छोड़ने के लिए सात दिन का वक्त दिया। कनाडा में चार रूसियों को निकाला। इन पर राजनयिक हैसियत से कनाडा के मामलों में दखल देने का आरोप। ब्रिटेन में रूस के 23 लोगों को देश छोड़ने का पहले ही आदेश दे चुका है। उन पर जासूसी का आरोप। रूस ने ब्रिटेन के 23 राजनयिकों को निकालने का आदेश पहले ही दे दिया है। सेंट पीटर्सबर्ग और ब्रिटिश परिषषद सांस्कृतिक संस्था में ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास बंद किया। मॉस्को में स्थित अमेरिकी राजनयिक मिशन के कम से कम 60 कर्मचारियों को रूस निकालेगा।
रूस पर है यह आरोप
दक्षिणी इंग्लैंड के सेलिसबरी में पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्कि्रपल (66) और उनकी बेटी यूलिया (33) पर 4 मार्च को नर्व एजेंट से हमला हुआ था। यूरोपीय देशों का आरोप है कि इसमें रूस का हाथ है। हालांकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन इन आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर चुके हैं।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा कि यह कदम उठाकर अमेरिका और हमारे सहयोगियों व साझेदारों ने रूस को जता दिया है कि उसकी गतिविधियों के दुष्परिणाम होंगे। वहीं रूस ने कहा कि रूसी राजनयिकों को निकालने की यूरोपीय संघ व नाटो देशों की कार्रवाई का हम विरोध करते हैं। इन देशों की भड़काऊ कार्रवाई का रूस जवाब देगा।