जिस घर में अमित शाह ने खाया खाना वहां नहीं था टॉयलेट

भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को रातीबड़ थाना क्षेत्र के सेवनिया गोंड गांव में रहने वाले एक आदिवासी परिवार के घर खाना खाया। लोगों को जानकर बड़ी हैरानी होगी कि, जिस परिवार से घर शाह ने खाना खाया उनके घर टॉयलेट नहीं था। इस बारे परिवार के मुखिया कमलसिंह उइके का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर निगम में टॉयलेट बनवाने के लिए आवेदन दिया, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।
कमल के परिवार में हैं 7 सदस्य
-रातीबड़ थाना क्षेत्र के सेवनिया गोंड गांव में रहने वाले कमलसिंह उइके यहां अपने परिवार के साथ एक कच्चे मकान में रहते हैं।
-उनके परिवार में 7 सदस्य हैं। परिवार के सभी सदस्य शौच के लिए बाहर जाते हैं, क्योंकि उनके घर में शौचालय नहीं है।
-इस बारे में कमल का कहना है कि, उन्होंने कई बार नगर निगम में शौचालय बनवाने के लिए आवेदन दिया लेकिन कोई खबर लेने नहीं आया।
-कमल ने लगभग 6 महीने से शौचालय के लिए निगम को आवेदन दे रखा है।
-गौरतलब है कि पार्टी अध्यक्ष के दौरे की शुरुआत से ही उनके किसी आदिवासी के घर भोजन करने की अटकलें लगाई जा रहीं थीं, हालांकि किसी का नाम सामने नहीं आया था। शाह के तीन दिवसीय भोपाल दौरे का रविवार को अंतिम दिन है।
कौन है ये आदिवासी
-रातीबड़ थाना क्षेत्र के सेवनिया गोंड गांव में रहने वाले कमल सिंह उइके के घर अमित शाह के लिए भोजन का प्रबंध किया गया था।
-पेशे से मजदूर उइके के घर के बाहर आदिवासी परंपरा मुताबिक रंगोली भी बनाई गई।
-इस दौरान शाह के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, संगठन महामंत्री सुहास भगत समेत अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
अमित शाह के लिए बनाया था ये
आदिवासी कमल सिंह उइके और उनकी पत्नी ने शाह के लंच के लिए खासी तैयारियां कर रखी थी। इतना ही नहीं शाह की पंसद का ध्यान रखते हुए उनके लिए खास तौर पर कढ़ी, दाल-बाटी, चावल और बैगन का भरता बनाया गया था। इसके अलावा आदिवासियों में बनने वाले विशेष पकवान शीरा भी बनाया गया था।
शाह के पहुंचने से पहले की गई साफ-सफाई
शाह के भोजन कार्यक्रम के मद्देनजर बस्ती में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। शाह मेधावी छात्र सम्मेलन के बाद आदिवासी के घर पहुंचे थे। पार्टी के कई आला नेता इस दौरान उनके साथ मौजूद थे। शाह के दौरे के मद्देनजर रातीबड़ थाना क्षेत्र के सेवनिया गोंड गांव में बाकायदा साफ-सफाई की गई।