नहीं रोकी जाएगी अमरनाथ यात्रा: सरकार; बुरहान की बरसी पर घाटी में अलर्ट

सरकार ने साफ किया है कि अमरनाथ यात्रा को रोका नहीं जाएगा। पहले खबर थी कि हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की पहली बरसी पर आतंकी हमले का खतरा है, ऐसे में अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। बता दें कि शनिवार को बुरहान की बरसी है। इसे लेकर पूरी घाटी में अलर्ट जारी किया गया है। बुरहान पिछले साल 8 जुलाई को एनकाउंटर में मारा गया था। अमरनाथ यात्रा की सिक्युरिटी बढ़ाई…

– खतरे को देखते हुए अमरनाथ यात्रा की सिक्युरिटी में सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के 21 हजार जवान और तैनात कर दिए गए हैं। इसमें 40 हजार जवान पहले से ही तैनात हैं।
– यूनियन होम मिनिस्टी के सेकेट्री राजीव महर्षी ने बताया कि 8 जुलाई को अमरनाथ यात्रा पर खतरे को देखते हुए सेंट्रल फोर्सेस की 214 कंपनियां भेजी गई हैं।
स्कूल-कॉलेजों की 10 जुलाई तक छुट्टी
– राज्य सरकार ने घाटी के स्कूल-कॉलेजों में 6 जुलाई से 10 दिन की गर्मी की छुट्टी कर दी है। इसे बुरहान की बरसी पर खतरे से आशंका से जोड़कर देखा जा रहा है।
– बता दें कि इसी दौरान यहां के एक आतंकी गुट यूनाइटेड जेहाद काउंसिल (यूजेसी) ने बुरहान वानी की बरसी पर विरोध जताने का एलान किया है। पिछले साल स्कूलों में 1 से 17 जुलाई तक छुट्टी की गई थी।
बुरहान की बरसी पर और क्या है तैयारी
– कश्मीर के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) मुनीर अहमद खाने कहा, “लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए जो भी इंतजाम जरूरी होंगे किए जाएंगे। आतंकी हमले को लेकर भी अलर्ट किया गया है।”
– हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या आतंकी हमले का कोई इनपुट मिला है, तो इस पर उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सिक्युरिटी एजेंसी हर एक खुफिया सूचना को गंभीरता से ले रही हैं।
– कश्मीर घाटी में एहतियात के तौर पर गुुरुवार रात को इंटरनेट सर्विस भी बंद की गई, लेकिन सुबह उसे बहाल कर दिया गया।
कौन था बुरहान ?
– 22 साल का बुरहान वानी 15 साल की उम्र में आतंकी बना था। पिछले कुछ महीनों से बुरहान साउथ कश्मीर में बहुत एक्टिव था। उसने यहां के कई पढ़े-लिखे यूथ्स को बरगला कर आतंकी बनाया था।
– कश्मीरी यूथ को रिक्रूट करने के लिए वह फेसबुक-वॉट्सऐप पर वीडियो और फोटो पोस्ट करता था। इनमें वो हथियारों के साथ सिक्युरिटी फोर्सेस का मजाक उड़ाते हुए नजर आता था।
– वानी को भड़काऊ स्पीच देने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में एक्सपर्ट माना जाता था। सिक्युरिटी फोर्सेस ने इसे 8 जुलाई को एक एनकाउंटर में मार गिराया था।
– वानी की मौत के बाद कश्मीर में करीब 90 दिन तक विरोध-प्रदर्शन होते रहे थे।
बुरहान के एनकाउंटर से अब तक क्या हुआ?
कितने लोग मारे गए?
– बुरहान के एनकाउंटर के बाद से कश्मीर के चार जिले- पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। यहां बीते पांच महीने में दो पुलिसवालों समेत 76 लोगों की मौत हो चुकी है।
– ऑफिसर्स के मुताबिक, इन जिलों में सबसे ज्यादा एनकाउंटर्स और अटैक हो रहे हैं। दरअसल, यहां आतंकियों को लोकल पब्लिक का सपोर्ट है इसलिए वे यहां ज्यादा उत्पात मचा रहे हैं। पुलवामा में आसपास घने जंगल भी हैं, जिसकी वजह से आतंकियों को हमला करने के बाद छुपना आसान होता है। बुरहान भी पुलवामा का ही रहने वाला था।