किसान आंदोलन के दौरान अप्रिय स्थिति के लिए शिवराज होंगे जिम्मेदार: कमलनाथ

भोपाल। एक जून से हो रहे किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी और शिवराज सरकार का दावा है कि, ये किसानों का नहीं कांग्रेस का आंदोलन है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है कि, अगर किसान आंदोलन में अप्रिय स्थिति बनी, तो इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे।

शिवराज सरकार और बीजेपी लगातार आरोप लगा रही है कि, आंदोलन किसानों का नहीं कांग्रेस का है। कांग्रेस प्रदेश में हिंसा फैलाना चाहती है। ऐसे में कमलनाथ ने बयान जारी कर कहा है कि अगर किसान आंदोलन में अप्रिय स्थिति बनी तो इसके लिए शिवराज सिंह जिम्मेदार होंगे। वहीं कांग्रेस इसे देश के 130 किसान संगठनों का आंदोलन बता रही है

‘किसानों से बॉन्ड भरवाने का नोटिस जारी’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि, सीएम शिवराज सिंह भोले-भाले और बुजुर्ग किसानों से बॉन्ड भरवाने का नोटिस जारी कर उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं। प्रशासन द्वारा सज्जन लोगों के साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं इस तरह का कृत्य करके किसानों को भड़का रहे हैं। नोटिस भेजकर एक सभ्य किसान समाज की निष्ठा पर जबरन शक किया जा रहा है।

‘अप्रिय स्थिति के लिए सीएम होंगे जिम्मेदार’
कमलनाथ ने कहा कि, सरकार के इस कदम से यदि भविष्य में कोई अप्रिय स्थिति निर्मित होती है, तो मुख्यमंत्री स्वयं इसके जिम्मेदार होंगे। सीएम शिवराज सिंह के बयानों से यह आभास भी होता है कि, उन्हें स्वयं अप्रिय स्थिति की आशंका है और उसके भय से वे अकारण अभी से दूसरों पर दोषारोपण कर रहे हैं।

‘दो दर्जन से अधिक किसानों को नोटिस जारी’
उन्होंने कहा है कि, अब तो राजधानी में भी किसानों से बॉन्ड भरवाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। आंदोलन के ठीक दो दिन पहले बुधवार को हुजूर तहसील के दो दर्जन से अधिक किसानों को नोटिस जारी कर 31 मई को जमानतदार के साथ हाजिर होने के निर्देश दिये गये हैं। किसानों में इस नोटिस को लेकर नाराजगी है और उन्होंने साफ कर दिया है कि हम गुंडे-बदमाश नहीं हैं, जो बॉन्ड भरेंगे। सरकार चाहे तो उन्हें जेल भेज दे।

‘दमन की नीति पर चल रही है सरकार’
कमलनाथ ने कहा है कि, सरकार दमन की नीति पर चल रही है और जानबूझकर किसानों को प्रताड़ित कर रही है। यह ऐसा संवेदनशील मामला है कि, इसमें जरा सी चूक से किसान भड़क जायेंगे। सरकार एक जून से शुरू हो रहे किसानों के आंदोलन को विफल करने की कोशिश में खुद मुसीबत को आमंत्रण दे रही है और मुख्यमंत्री हैं कि सरकारी तंत्र के इस कृत्य को रोकना तो दूर, उल्टे कांग्रेस को बदनाम करने पर तुले हैं।