बिना फिरौती दिए ISIS के चंगुल से पादरी टॉम को बचाया: वीके सिंह

यमन में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा बंधक बनाए गए पादरी टॉम उजहूनालिल को बचा लिया गया है. बुधवार को केंद्रीय राज्य मंत्री वी.के सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा की पादरी टॉम की रिहाई के लिए आतंकियों को फिरौती की कोई राशि नहीं दी गई है. साथ ही मंत्री सिंह ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने बड़ी गोपनीयता के साथ इस काम को अंजाम दिया.

मदद के लिए फादर ने बनाया था वीडियो
पिछले साल 4 मार्च को फादर टॉम को ISIS ने यमन के अदर्न शहर से अगवा कर लिया था. यहां 15 लोगों की हत्या भी कर दी गई थी. फादर टॉम ने खुद की रिहाई के लिए भारत सरकार से अपील करते हुए एक वीडियो जारी किया था. क्रिसमस से एक दिन बाद फादर टॉम के आए वीडियो संदेश में वह बेहद घबराए हुए नजर आए थे.

इस साल जुलाई में यमन के डिप्टी पीएम अब्दुल मलिक अब्दुल जलील अल मेखलफी भारत आए थे. तब उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को बताया था कि उपलब्ध जानकारी के मुताबिक फादर टॉम जिंदा हैं. उन्होंने इस मामले में भारत सरकार को हर तरह के सहयोग का भरोसा दिलाया था.. विदेश मंत्रालय भी सऊदी अरब और यमन की सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा था.

सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर दी थी जानकारी
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर फादर के रेस्क्यू कर किए जानी की खबर दी थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा – ‘मुझे ये सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि फादर टॉम को IS के चुंगल से मुक्त करा लिया गया है. खबरों के मुताबिक ओमान सरकार की मदद से उन्हें छुड़ाया गया है.

वेटिकन कर्मचारी बना चंगुल से निकाला
ओमान के एक समीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार आईएस के चंगुल से निकलने के बाद उन्होंने भगवान का धन्यवाद किया. साथ ही उन्होंने अपने परिजनों का भी शुक्रिया किया. रिपोर्ट के अनुसार, सुल्तान के कहने पर उजहूनालिल को आईएस से मुक्त करवाने के लिए ओमान के अधिकारियों ने येमेनी अधिकारियों के साथ समन्वय किया और उसे ‘वेटिकन कर्मचारी’ के रूप में दिखाया. इसके बाद 17 महीने आईएसआईएस के कैद में रहने के बाद उजहूनालिल को मुक्ति मिली.