GST का मतलब गुड एंड सिंपल टैक्स: पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संसद के सेंट्रल हॉल में जीएसटी की लांचिंग के अवसर देश को संबोधित किया। उन्होंने सभी राज्यों, दलों और नेताओं के प्रयासों को सराहते हुए जीएसटी को टीम इंडिया की शक्ति-सामर्थ्य की मिसाल बताया।

पीएम मोदी ने कहा, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक प्रकार से सभी राज्यों के मोतियों को एक धागे में पिरोने का एक प्रयास है। यह सहकारी संघवाद की एक मिसाल है, जो हमें टीम इंडिया की शक्ति-सामर्थ्य का परिचय देती है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधियों ने मिलकर गरीबों की चिंता करते हुए आर्थिक सुधार का रास्ता तैयार किया है। मोदी ने जोर दिया कि जीएसटी की यह प्रक्रिया सिर्फ अर्थव्यवस्था के दायरे तक सीमित नहीं है। पिछले कई वर्षों से अलग-अलग महानुभावों के मार्गदर्शन में अलग-अलग टीमों ने अथक प्रयास किए हैं। जीएसटी के रूप में भारत के लोकतंत्र, संघीय ढांचे, सहकारी संघवाद के रूप में एक बड़ा अवसर सामने आया है।

जीएसटी माने तो गुड एंड सिंपल टैक्स

प्रधानमंत्री ने जीएसटी को गुड एंड सिंपल टैक्स करार दिया । उन्होंने कहा कि गुड का मतलब टैक्स के ऊपर टैक्स न लगने की प्रक्रिया और सिंपल का मतलब पूरे देश में एक समान कर व्यवस्था और एक सरल फार्म के जरिये व्यापार का ब्योरा देना। उन्होंने जीएसटी को आर्थिक सुधार के साथ गरीबों के हित में सामाजिक सुधार भी करार दिया। उन्होंने जीएसटी को न्यू इंडिया, डिजिटल इंडिया, वे ऑफ डूइंग बिजनेस और वे ऑफ इजी बिजनेस का प्रतीक बताया।

अफवाहों और आशंकाओं पर ध्यान न दें

मोदी ने सभी से जीएसटी को लेकर आशंकाओं और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। मोदी ने कहा कि जिस प्रकार चश्मे का नंबर बदलने पर उसे एडजस्ट करने में एक-दो दिन लग जाते हैं, उसी प्रकार जीएसटी में भी थोड़े दिनों में सब कुछ सामान्य हो जाएगा। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत में पूंजी निवेश करने वालों को एक कर व्यवस्था से फायदा होगा।

नेहरू, पटेल का जिक्र किया

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, लोकमान्य तिलक, चाणक्य जैसी हस्तियों का उल्लेख किया। मोदी ने कहा कि अगर सरदार पटेल ने देश की रियासतों को मिलाकर एक न किया होता तो देश का मानचित्र कैसा होता। उन्होंने देश के राष्ट्रीय एकीकरण का काम किया, उसी तरह जीएसटी से आर्थिक एकीकरण का महत्वपूर्ण काम हो रहा है।

गंगानगर से ईटानगर, लेह से लक्षद्वीप तक एक कर

प्रधानमंत्री ने कहा कि 29 राज्य, 7 केंद्रशासित प्रदेशों में अभी तक 500 प्रकार के टैक्स लगते थे। लेकिन इन सबसे मुक्ति पाकर गंगानानगर से ईटनागर लेह से लक्षद्वीप तक अब वन नेशन वन टैक्स का सपना साकार हुआ है। मोदी ने कहा कि पहले दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में एक उत्पाद पर अलग-अलग टैक्स लगता था, जिससे जनता के मन में सवाल उठते थे, क्योंकि दिल्ली, हरियाणा और यूपी में अलग-अलग टैक्स थे। इससे विदेशी पूंजी निवेशकों के लिए भ्रम की स्थिति रहती है, लेकिन अब इस पर विराम लग गया है।

उन्होंने वैज्ञानिक आइन्स्टीन के बयान का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कोई चीज समझना सबसे मुश्किल है, तो वह है इनकम टैक्स, लेकिन वह भारत में होते तो इतने टैक्स देकर चकरा जाते।