‘आका ने कहा तो उड़ा दी ट्रेन’, आतंक के निशाने पर MP

भोपाल। भोपाल से उज्जैन के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन हादसे का शिकार हो गई है। घटना की वजह ट्रेन के डिब्बे में धमाका होना बताया जा रहा है। धमाके के बाद ट्रेन के डिब्बे में आग लग गई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश दे दिए है। जबकि मौके पर MP के DGP ऋषि कुमार और ADG इंटेलिजेंस को भेजा गया है। इधर, इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद का नाम आने के बाद आज की घटना को भी आतंकी साजिश के रूप में देखा जा रहा है।

घटना में करीब 7 यात्री घायल बताए जा रहे हैं। जिन्हें इलाज के लिए कालापीपल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। उधर घटना की जानकारी लगते ही शुजालपुर से रेलवे के अधिकारियों व बचावकर्मियों की एक टीम भी आधे घंटे के भीतर मौके पर पहुंच गई। मौके पर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और इंटेलिजेंस की मौजूदगी इस बात की ओर इशारा कर रही है कि कहीं इस घटना के पीछे आतंक का काला साया तो नहीं था।
ये बात हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 4 महीने के भीतर ही ये दूसरा बड़ा हादसा है जो मध्य प्रदेश से जुड़ा हुआ है। इंदौर पटना रेल हादसे के पीछे आतंकी गतिविधियों के सबूत पहले ही मिल चुके हैं।

इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में आया था हाफिज सईद का नाम
बीते महीने प्रदेश में लगभग दर्जन भर आईएसआईएस आतंकियों की गिरफ्तारी और फिर उसके बाद सिमी आतंकियों को सुनाई गई सजा के बाद इस बात की आशंका पहले ही जाहिर की जा चुकी है कि आतंकी बदले की कार्यवाही को अंजाम दे सकते हैं। बहरहाल जांच की जा रही है और अभी सिर्फ कयास ही लगाए जा सकते हैं।इस मामले में लगभग महीने भर पहले आईएसआईएस के आतंकी शमशुल होदा को दुबई से गिरफ्तार किया गया था, जिससे पूछताछ में सामने आया है कि इस घटना के पीछे मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद का हाथ है।
बीते साल 21 नवम्बर की सुबह देश के लिए एक दुखद खबर लेकर आई। उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। लगभग 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पटरियां छोड़ने वाली इस ट्रेन की तस्वीरें देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता था कि हादसे में कितना ज्यादा नुकसान हुआ है।

इस हादसे में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि लगभग 300 लोग घायल हुए थे। हादसे में मरने वालों में मध्य प्रदेश के तकरीबन 30 लोगों थे, जिनमें राजधानी भोपाल के 8 लोग भी शामिल थे।
हादसे के बाद घटना के कारणों को तलाशने का काम शुरू हुआ। प्रारम्भिक जांच में सामने आया कि किसी तकनीकी खामी की वजह से हादसा हुआ है, लेकिन जैसे जैसे जांच आगे बढ़ती गई इस हादसे के पीछे आतंक का साया मंडराता नजर आने लगा।

इस मामले में लगभग महीने भर पहले आईएसआईएस के आतंकी शमशुल होदा को दुबई से गिरफ्तार किया गया था, जिससे पूछताछ में सामने आया है कि इस घटना के पीछे मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद का हाथ है।

नेपाल जेल में बंद आईएसआई आतंकी शम्शुल होदा ने नेपाल पुलिस की पूछताछ में खुलासा किया है कि इस खौफनाक वारदात के पीछे हाफिज सईद का हाथ है। हाफिज सईद से ही उसे भारत में बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने का ऑर्डर मिला था। शमशुल होदा के मुताबिक वो दो बार पाकिस्तान जा चूका है। वहां आईएसआई ने उसकी मुलाकात जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद से कराई थी। वहां हाफिज से उसे भारत में इस तरह की घटना को अंजाम देने का ऑर्डर मिला था।

अक्टूबर में भी कर चुका था कोशिश
आतंकी शमशुल होदा अक्टूबर में भी एक ऐसी ही वारदात को अंजाम देने की कोशिश कर चुका था। 1 अक्टूबर को बिहार के मोतिहारी के पास सीतामढ़ी-रक्सौल रेलखंड स्थित घोड़ासहन स्टेशन के आउट सिग्नल ट्रैक पर शनिवार को बम मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना मिलने के बाद बम निरोधक दस्ता और आरपीएफ के कमांडेंट घटनास्थल पर पहुंचे, और यहां से ट्रेनों का आवागमन रुकवाया।

होदा ने खुलासा किया है कि घोड़ासहन की घटना में असफलता मिलने के बाद हाफिज उससे नाराज हो गया था। इसके बाद दुबई में शम्शुल खुद को असुरक्षित महसूस करने लगा। इसके बाद उसने हाफिज को घोड़ासहन से भी बड़ी घटना करने का विश्वास दिलाकर इंदौर पटना रेल हादसे की प्लानिंग की थी। कानपुर की घटना में सफलता मिलने के बाद आईएसआई ने शम्शुल का चयन हार्डकोर सदस्य के रूप में कर लिया।
7 फरवरी को गिरफ्तार हुआ था शमशुल होदा
कानपुर में हुए रेल हादसे का मुख्य आरोपी और आतंकवादी शमसुल होदा को दुबई से एनआइए की टीम ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार करने के बाद उसे नेपाल ले जाया गया था, जहां एनआइए के साथ – साथ आइबी और रॉ की टीम ने उससे पूछताछ की।

शमसुल होदा नेपाल का रहनेवाला है और दुबई में बिजनेस करता है जिसके पाकिस्तान के आईएसआई और दाउद इब्राहिम से भी संबंध है। शमसुल होदा कानपुर रेल हादसे सहित कई ट्रेन हादसों का आरोपी है। बिहार में भी उसने कई वारदातों को अंजाम देने की कोशिश की। उसके सहयोगियों से एनआइटी की टीम लगातार पूछताछ कर रही थी।

इंदौर-पटना हादसे के बाद इंदौर भी था निशाने पर
कानपुर में पटरियों को विस्फोट से उड़ाने के बाद दिल्ली और इंदौर में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। दिवाली के मौके पर भी देश में बड़ा धमाका करने की प्लानिंग थी। आईएसआई चाहता था कि ऐसा धमाका किया जाए, जिससे पूरे देश में भूचाल आ जाए। घोड़ासहन में आईईडी विस्फोट नहीं होने की वजह से कानपुर के पास पुखरायां में साजिश को अंजाम दिया गया।

‘आतंकी साजिश का सबूत नहीं’
28 फरवरी को रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश के सभी राज्यों की रेलवे पुलिस के महानिदेशकों की बैठक बुलाई थी। बैठक में यूपी की रेलवे पुलिस के चीफ गोपाल गुप्ता ने बताया कि कानपुर के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरने के पीछे आतंकी साजिश नहीं थी। गुप्ता का दावा था कि ये रेललाइन की खराब हालत का नतीजा था और दुर्घटनास्थल से विस्फोटकों का कोई सबूत नहीं मिला है।

सूत्रों की मानें तो जिस वक्त गोपाल गुप्ता ने ये बातें कहीं, सुरेश प्रभु बैठक में मौजूद नहीं थे। हालांकि रेलवे के दूसरे आला अधिकारी उनकी बात को काट नहीं पाए। बाद में गुप्ता ने भी मीडिया के सामने सफाई पेश की। उनका कहना था कि रेलवे ने सिर्फ शुरुआती जांच की थी और आगे की पड़ताल एनआईए के जिम्मे है।

सरकार का दावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गोंडा में एक चुनावी रैली के दौरान दावा किया था कि कानपुर में ट्रेन हादसे के पीछे आतंकियों का हाथ था। उन्होंने गोंडा के लोगों को इस तरह की आतंकी साजिश से सचेत रहने के लिए भी कहा था। इससे पहले रेलमंत्री भी आशंका जता चुके हैं कि देश में हुए कुछ हालिया रेल हादसे आतंकियों की करनी हो सकते हैं।