रोचक : दिमाग की हलचलों को दिखाता अनोखा म्यूजियम

देश के प्रख्यात अस्पताल निमहंस में दिमाग की हरकतों को कैद करता एक अनोखा म्यूजियम है जिसके अंदर आप दिमाग से जुड़ी हर हरकत का नमूना देख सकते हैं। इसके संस्थापक डॉ. शंकर कहते हैं कि मुझे फक्र है कि मैं इतने सारे दिमागों के बीच काम करता हूं

निमहंस देश का सबसे बड़ा न्यूरो और मेंटल हेल्थ केयर सेंटर जहां दिमाग के इलाज से जुड़े लगभग हर सवाल का जवाब है।
जिस ब्रेन म्यूज़ियम के बारे में हम आपको बता रहे हैं वो इस संस्था का एक अनमोल कोना है। इस म्यूज़ियम में दाखिल होते ही आपकी नज़र चारों तरफ रखे मस्तिष्क के असली नमूनों पर पड़ती है।
इस ब्रेन म्यूज़ियम के संचालक डॉ शंकर और डॉ अनीता महादेवन के साथ आप दिमाग के असली नमूनों को हाथ में लेकर देख भी सकते हैं।
उनके ज़रिए आप ये जान सकते हैं दिमाग के कौन से हिस्से में आपकी भावनाएं छिपी है, किसमें गुस्सा है, किसमें मुस्कुराहट या किस हिस्से के ज़रिए आपकी प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं।
आप ये जान सकते हैं कि आखिर आपका दिमाग काम कैसे करता है। दरअसल ये संग्रहालय दिमाग से जुड़ी कई बीमारियों के बारे में जानने और इलाज करने के लिए एक बड़ा भण्डार है।

डॉ अनीता हर रखे हर एक मस्तिष्क के पीछे छिपी कहानी और बीमारी का कारण बताती हैं।
डायबटीज़, हृदयाघात, ट्यूमर, दिमागी बुखार, जैसी ख़तरनाक बीमारियों दिमाग को कैसे लपेटे में लेती हैं, ये यहां देखा जा सकता है।
इस ब्रेन म्यूज़ियम में माइनस 80 डिग्री में असली ब्रेन को रखा गया है जिसे डाक्टर्स नमूने के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही यहां ब्रेन की पैकिंग भी होती है।

ये डॉक्टर शंकर की 30 वर्षों की मेहनत और लगन का नतीजा है कि म्यूजियम अपने वर्तमान स्वरूप में मौजूद है। तीस साल पहले एक नौ साल के बच्चे का ब्रेन यहां लाया गया था और तबसे मस्तिष्क जुटाने का सिलसिला लगातार जारी है। डॉ शंकर को फक्र है कि वो इतने सारे दिमाग औऱ उनकी भावनाओं के बीच काम करते हैं।
बदलते वक्त के साथ निमहंस इस ब्रेन म्यूज़ियम को नया रूप देना चाहता है।

डिजिटल तकनीक के ज़रिए यहां मौजूद हर एक मस्तिष्क की कहानी बयां हो, इसकी कोशिश जारी है। निमहंस चाहता है कि इस तरह के ब्रेन सेंटर्स का पूरे देश में एक मज़बूत नेटवर्क बने और दिमाग से जुड़ी हर समस्या पर रिसर्च हो, ख़ासकर युवा छात्रों के लिए ये बॉयोलॉजी की एक बेहतरीन प्रयोगशाला साबित हो।