पैरेंट्स बच्चों पर विश्वास करेंगे तभी बच्चे खुद पर विश्वास कर पाएंगें: महापौर मालिनी गौड़
10वीं और 12वीं एमपी बोर्ड के रिजल्ट आ चुके है। जिन बच्चों के परिणाम बहुत अच्छे आए है उन्हें बधाई और जिन बच्चों को अपेक्षा के अनुसार अंक नहीं मिल पाए है उनके लिए मेरी एक छोटी सी स्टोरी-
मेरी पढ़ाई सरकारी शारदा कन्या स्कूल में हुई। पढ़ाई के साथ एनसीसी, घुड़सवारी भी करती थी। एग्जाम में कभी 50 तो कभी 60 फीसदी नंबर आते थे, लेकिन नंबरों की ओर कभी नहीं देखा। मेरे तीन बच्चे हैं। उनकी एग्जाम के बाद रिजल्ट के बारे में कभी तनाव नहीं दिया क्योंकि बच्चों पर हम विश्वास नहीं करेंगे तो वे खुद पर भी विश्वास नहीं करेंगे। जब मुझे पहले विधायक और बाद में महापौर की जिम्मेदारी मिली तब रिजल्ट के नंबर नहीं बल्कि खुद पर किया गया विश्वास ही काम आया। इसी का नतीजा है कि स्वच्छता में शहर को देश में नंबर वन बना सके। जीवन में आया हर पल एक नया अनुभव देता है, उससे सीखकर ही आगे बढऩा चाहिए।
इंदौर शहर की प्रथम नागरिक के पद पर कार्यरत मालिनी गौड़ कहती है कि मुझे इस जिम्मेदारी वाले पद पर कार्य करना है ये मुझे स्कूल टाइम पर नहीं पता था, तब पढ़ाई वैसी ही की जैसी एक आम बच्ची करती है। कभी अच्छे अंक मिले कभी नहीं मिले। लेकिन आज जब इंदौर को स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर 1 बनाने की सोची तो मेरी मार्कशीट नहीं मेरा कार्य अनुभव ही काम आया। बच्चों आपसे भी यही कहना चाहती हूं कि हौसला रखे और याद रखे कि हर असफलता किसी सफलता की राह की पहली सीढ़ी ही होती है।