यहां साल में एक बार ऐसे निकलते हैं किन्नर, दूर-दूर से आते हैं देखने वाले

भोपाल। फिल्मी गानों और बैंड-बाजों के साथ निकली किन्नरों की टोली को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। मौका था रक्षाबंधन के बाद भुजरिया के दौरान निकलने वाले किन्नरों के जुलूस का। हर साल निकलने वाले इस जुलूस में इस बार किन्नरों की कास्ट्यूम खास रही, क्योंकि सभी ने इस बार हॉलीवुड, बॉलीवुड और टीवी सीरियल के चर्चित कलाकारों के गेटअप का कॉपी किया था। इस दौरान किन्नरों डिजाइनर ड्रेस और ज्वैलरी भी पहन रखी थी। शहर में सालों से चली आ रही परंपरा को देखने आस-पास के जिलों के लोग भी बड़ी संख्या में यहां आते हैं।
-राजधानी में हर साल किन्नर भुजरिया निकालते हैं। यह परंपरा नवाबी शासन के समय से चली आ रही है। जुलूस निकालने के लिए किन्नरों को पहले लाइसेंस दिया जाता है। जुलूस मंगलवारा, बुधवारा, तलैया, चौक बाजार, पीरगेट, रायल मार्केट होते हुए लालघाटी पहुंचता है। इसके बाद भुजरियों का विसर्जन किया जाता है। ऐसा कहते हैं कि राखी के बाद भुजरिया मनाने के लिए नवाबों ने किन्नरों को लाइसेंस दिया था, वह परंपरा आज भी कायम है। इस दिन किन्नर सज-धज कर बाजार में निकलते हैं, जिसमें शहरवासी शामिल होते हैं।
– जुलूस में शामिल होने के लिए न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों के किन्नर भी भोपाल पहुंचे। धूमधाम से निकले किन्नरों के इस जुलूस में इटारसी, गुना, इन्दौर, उज्जैन तथा दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के किन्नर भी आए थे। मुख्य किन्नर सिर पर भुजरिया रखकर आगे चल रहे थे। वहीं, साथी किन्नर नाच-गाकर भुजरिया का जश्न मना रहे थे। इन्हें देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। कोई इनकी फोटो ले रहा था, तो कोई वीडियो बनाने में व्यस्त था।
अलग-अलग ग्रुप में बंटा जुलूस…
– भुजरिया पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए किन्नरों ने तीन गुट बनाए थे। बुजुर्गों के दो गुटों ने अपने सिर पर भुजरिया उठा रखी थी। तीसरा युवा ग्रुप आगे-आगे नाचते-गाते चल रहा था। व्यवस्था बनाने के मकसद से पुलिस का खासा इंतजाम किया गया था।
इस खास वजह से शुरू हुई थी भुजरिया
-कहते हैं भोपाल में बहुत साल पहले नवाबों के समय में अकाल पड़ा था। उस वक्त यहां रहने वाले किन्नरों ने मंदिरों और मस्जिदों में जाकर बारिश के लिए दुआ की थी और भुजरिया पर्व मनाया था। उनकी दुआ रंग लाई और भरपूर बारिश हुई थी। तब से लगातार भोपाल में किन्नर हर वर्ष बड़े स्तर पर भुजरिया पर्व का आयोजन करते आ रहे हैं।