यूपी में शुरू हुई अब विधायक निवास की जंग!

उत्तर प्रदेश में नई सरकार बनने के साथ ही मंत्रियों, विधायकों विधायकों में पसंदीदा घर आवंटित करने को लेकर जद्दोजहद शुरू हो गई है. माननीयों में सबसे ज्यादा पसंदीदा जगह राजधानी के कालीदास मार्ग और गौतमपल्ली स्थिति बंगले हैं.

वैसे तो राज्य सम्पत्ति विभाग ने सभी विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्र के अनुसार ही मतगणना से पहले ही आवास आवंटित कर दिए थे. आवास के आवंटन पत्र सभी जिलाधिकारियों को भी भेज दिए गए थे. लेकिन अब पता चला है कि ज्यादातर विधायक अपने नए आवंटित आवास से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने आवास में बदलाव के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं.

यूपी में शुरू हुई अब विधायक निवास की जंग! उत्तर प्रदेश में नई सरकार बनने के साथ ही मंत्रियों, विधायकों विधायकों में पसंदीदा घर आवंटित करने को लेकर जद्दोजहद शुरू हो गई है.

अब राज्य संपत्ति विभाग ने नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्यों की आवासीय व्यवस्था की समस्या का निपटारा करने के लिए राजधानी के दारुलशफा में विधायक निवास-एक के कॉमन हॉल में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया है.
दरअसल अब तक 100 से ज्यादा सरकारी आवासों पर अवैध कब्जा है.

इनमें से कई अब भी पूर्व विधायकों के कब्जे में हैं. इन्हें खाली करने के​ लिए 15 दिन का समय दिया गया है. वहीं कई ऐसे आवास हैं, जहां निजी व्यक्तियों और संस्थाओं के कब्जे हैं, जिन्हें खाली कराने की तैयारी चल रही है.
उधर मंत्रियों को आवास आवंटन करने की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के जिम्मे है.

दरअसल राज्य संपत्ति विभाग विधायकों को पहले चली आ रही व्यवस्था के तहत आवास आवंटित करता है लेकिन मंत्रियों के लिए आवास देने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दी जाती है.

जानकारी के अनुसार सुरेश खन्ना ने मंत्रियों के आवास और आदि आवंटित करने की संस्तुति कर दी है. इसके आधार पर आवंटन शुरू हो गया है.
इनमें कालिदास मार्ग के कुछ बंगलों में मंत्रियों के नाम पट्टिका लगी भी शुरू हो गई है. पता चला है कि अंधविश्वास के चलते कालिदास मार्ग का बंगला नंबर छह लेने के लिए कोई मंत्री अभी तैयार नहीं है.