नक्सलियों के खिलाफ शुरू हुए ऑपरेशन प्रहार ने बढ़ाई मध्य प्रदेश पुलिस की टेंशन

छत्तीसगढ़ में चल रहे नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन प्रहार ने मध्य प्रदेश पुलिस की समस्या बढ़ा दी है. नक्सली प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में नेटवर्क मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं जिसके कारण पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है.

पिछले महीने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले में पुलिस ने ऑपरेशन प्रहार के तहत मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया था. ये मुठभेड़ जिले के गंडई थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुकतरा गांव के जंगल में हुई थी. पुलिस को अब मारे गए नक्सलियों के पास से कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जो नक्सलियों के मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में नेटवर्क को मजबूत करने की तरफ इशारा कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस सूचना को मध्य प्रदेश पुलिस की जानकारी के साथ साझा किया है. सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सलियों के मूवमेंट होने के इनपुट के बाद से पुलिस ने पहले से अधिक सुरक्षा बढ़ा दी है. सूत्रों के मुताबिक पिछले कुल सालों से बालाघाट में नक्सलियों के केवल एक दलम मलाजखंड की सक्रियता देखी गई थी. इसमें नक्सलियों की संख्या आमतौर पर 14 या 15 थी जबकि यहां पूर्व में सक्रिय रहे परसवाड़ा और टांडा दलम की मौजूदगी न के बराबर ही बची थी.

माओवादियों के लिए ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सुरक्षित पनाहगार है इसलिए माना जाता है कि छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे आंध्र प्रदेश में पुलिस का पुख्ता होने के कारण माओवादी वहां जाने से डरते हैं.