CM नीतीश PM मोदी के भोज में शामिल होने दिल्ली रवाना, राहुल गांधी से भी मिलेंगे

पटना । राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उनके सम्मान में भोज का आयोजन किया है और इस भोज में शामिल होने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दोपहर दिल्ली रवाना हो गए हैं। आज शाम वो कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिलेंगे।

सीएम नीतीश कुमार अपनी चार दिवसीय यात्रा के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं जहां वे एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिखेंगे। वजह होगा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की विदाई समारोह का, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आयोजित डिनर में नीतीश कुमार आज यानि शनिवार को शिरकत करेंगे।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की विदाई के उपलक्ष्य में आयोजित डिनर में नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी मौजूद रहेंगे।

इसके साथ ही नीतीश 25 जुलाई को नव निर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण में भी शामिल होंगे। रामनाथ कोबिंद ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नीतीश को न्यौता दिया है।

बताया जा रहा है कि इस दौरान नीतीश कुमार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि मुलाकात के दौरान बिहार में मचे सियासी घमासान पर भी चर्चा होगी।

जेडीयू और कांग्रेस के बीच तनाव को कम करने के लिए कांग्रेस मध्यस्थता की भूमिका में हैं। हालांकि नीतीश कुमार तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर झुकते नहीं दिख रहे हैं। उनकी चुप्पी के पीछे का सच यही है कि वो भ्रष्टाचार से समझौता करने के मूड में नहीं है और ना ही वो तेजस्वी यादव पर नरमी बरतने को लेकर कुछ सोच रहे हैं।

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष से अलग हटकर सीएम नीतीश ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की बात कही थी। जिसे लेकर आरजेडी ने एतराज जताया था। उस वक्त जेडीयू और आरजेडी में दूरी की जो लकीर खींच गयी थी, वो सीबीआई रेड के बाद ज्यादा ही गहरी हो गयी।

होटल लीज मामले में फंसे लालू एंड फैमिली को लेकर महागठबंधन में दरार पड़ चुकी है। जमीन घोटाले में फंसे तेजस्वी यादव का जेडीयू इस्तीफा मांग रहा है, वहीं लालू ने कहा है कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे। इस घमासान के बीच नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा अहम माना जा रहा है, देखना होगा कि वहां क्या नए राजनीतिक समीकरण तय होते हैं।