नेता एक दूसरे पर आरोप न लगाएं, सबूत भी दें: केजरी-लालू के समर्थन में शत्रुघ्न
बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आरोप लगाकर सबूत न पेश करने वाले नेताओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने सोमवार को ट्वीट कर कहा- नेगेटिव पॉलिटिक्स बहुत हुई, अगर आरोप लगाने वालों के पास सबूत हैं तो सामने लाएं, नहीं तो कीचड़ उछालने का काम बंद करें। चाहे केजरीवाल, लालू यादव या सुशील मोदी हों। बता दें कि बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने लालू प्रसाद यादव पर जमीन घोटाले के आरोप लगाए हैं। वहीं, आदमी पार्टी से निकाले गए कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर करप्शन के आरोप लगाए हैं। शत्रुघ्न ने कहा- बहुत हो गया…
– शत्रुघ्न सिन्हा ने लिखा कि बहुत हो गया। अपने आरोपों के सबूत दें या सब बंद करें। मीडिया को एक रात की सनसनीखेज स्टोरी नहीं दे सकते हैं।
– अगले ट्वीट में उन्होंने कहा कि मैं सभी नेताओं से कहना चाहता हूं, खासकर केजरीवाल से जिनकी विश्वसनीयता, संघर्ष और समाज के लिए कमिटमेंट को सम्मान से देखता हूं।”
– “हमारी बीजेपी हमेशा से ईमानदारी और पारदर्शिता में विश्वास करती है। जब तक सबूत न हो किसी पर आरोप लगाना ठीक नहीं है।”
कपिल मिश्रा ने केजरीवाल क्या आरोप लगाए?
– अरविंद केजरीवाल ने 6 मई को कपिल को जलमंत्री के पद से हटाया। इसके बाद उन्होंने केजरीवाल पर मंत्री सत्येंद्र जैन के हाथों 2 करोड़ कैश लेने का आरोप लगाया था।
– उन्होंने केजरीवाल पर अपने रिश्तेदार के लिए 50 करोड़ की लैंड डील का आरोप भी लगाया था। सीबीआई में केजरीवाल के खिलाफ 3 शिकायतें दर्ज कराई हैं।
– इस पर केजरीवाल ने कपिल को पार्टी से 8 मई को सस्पेंड कर दिया था। इस कार्रवाई के बाद कपिल 10 मई से अनशन पर बैठ गए।
– कपिल ने आप नेता संजय सिंह, राघव चड्ढा, आशीष खेतान, सत्येंद्र जैन और दुर्गेश पाठक के विदेश दौरों की डिटेल की मांग पर अनशन शुरू किया। तबीयत बिगड़ने पर छठे दिन (15 मई) अनशन खत्म किया।
– कपिल ने आप पर चुनाव आयोग और IT डिपार्टमेंट को पार्टी फंड की सही जानकारी न देने और फर्जी कंपनियों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप लगाया है।
बिहार में सुशील मोदी ने लालू प्रसाद यादव पर लगाए थे ये आरोप
-बीजेपी नेता सुशील मोदी ने लालू यादव, बेटी मीसा भारती, बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप पर बेनामी प्रॉपर्टी रखने के आरोप लगाए हैं। केंद्र से जांच की मांग भी की थी।
-केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि ये ट्रांजैक्शन और प्रॉपर्टी की खरीद उस वक्त हुई, जब लालू यादव रेलमंत्री थे। नीतीश कुमार को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। लालू की राजनीति लूट की राजनीति हो गई है।
-बिहार के अलावा, दिल्ली के बिजवासन में फर्जी कंपनियों के जरिए जमीन खरीदी गई। यादव फैमिली की ये कंपनियां उनके ऑफिशियल ऐड्रेस पर दर्ज हैं। कंपनियों में कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ, न ही कोई इम्पलॉई है। ये सिर्फ बेनामी जमीन सौदों के लिए बनाई गईं।
-सुशील मोदी ने भी पटना के सबसे बड़े अंडर कंस्ट्रक्शन मॉल को लेकर गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे। उनका दावा था कि मॉल की मिट्टी गलत तरीके से चिड़ियाघर को बेची गई।
– बाद में लालू प्रसाद से जुड़े 22 ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रेड डाली।