BMW छोड़ पीली टैक्सी से फाइव स्टाल होटल पहुंचे दादा, क्या था माजरा

कोलकाता : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली मंगलवार को पीले रंग की एंबेसडर टैक्सी में बैठकर शहर के एक फाइव स्टार होटल में पहुंचे. गांगुली के टैक्सी से उतरने पर मौजूद गार्डस के साथ ही वहां मौजूद लोग भी अचंभित हो गए. कुछ देर तक तो लोगों को समझ ही नहीं आया कि कई कारों के मालिक दादा टैक्सी से सफर क्यों कर रहे हैं. लेकिन कुछ देर बाद सबको पूरा माजरा साफ हो गया.
आपको बता दें कि सौरव गांगुली के पास अलग- अलग कई कंपनियों की कारें हैं. लेकिन वह आमतौर पर BMW से चलना ज्यादा पसंद करते हैं. मंगलवार को जब वह बीसीसीआई की बैठक में हिस्सा लेने के लिए घर से निकले तो आधा रास्ता तय करने पर उनकी पसंदीदा BMW में तकनीकी खराबी आ गई. ड्राइवर ने इसे ठीक करना चाहा तो वह समझ नहीं पाया.
इसके बाद गांगुली ने वहीं से पीले रंग की टैक्सी हायर की और उसमें बैठकर होटल के लिए निकल गए. गांगुली के ड्राइवर ने बताया कि बीएमडब्ल्यू एक्साइट क्रासिंग के पास ली रोड पर खराब हो गई. उन्होंने वहीं से पीले रंग की टैक्सी की और बैठक के लिये निकले। इसके बाद पूर्व कप्तान को फाइव स्टार होटल के परिसर में टैक्सी से उतरते हुए भी देखा गया.
गांगुली ने होटल पहुंचकर बीसीसीआई की तकनीकी समिति की बैठक की अध्यक्षता की. सौरव गांगुली बीसीसीआई की एक अहम बैठक में शामिल होने के लिए जा रहे थे, जब रास्ते में उनकी कार खराब हो गई. इस दौरान गांगुली ने बीसीसीआई से रणजी ट्राफी में खेलने वाले घरेलू क्रिकेटरों के लिये पर्याप्त वेतन वृद्धि करने पर विचार करने का आग्रह किया.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गांगुली ने कोलकाता में बीसीसीआई की तकनीकी समिति की बैठक में इस मामले पर विस्तार से चर्चा की. बीसीसीआई की तकनीकी समिति के एक सदस्य ने बताया कि गांगुली ने मुंबई में रणजी कप्तानों और कोचों के सम्मेलन में उठाये गए मामलों पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि सभी कप्तानों ने घरेलू टूर्नामेंट में मैच शुल्क में बढ़ोतरी करने पर बात की थी.
अधिकारी ने कहा जब गांगुली को बताया गया कि एक रणजी क्रिकेटर औसतन एक सत्र में दस लाख रुपये की कमाई करता है तो उन्होंने कहा कि यह बहुत कम है. दादा का कहना था कि सभी घरेलू खिलाड़ी नौकरी नहीं करते हैं, इसलिए कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर चोटिल होने और टीम से बाहर होने के डर से असुरक्षित महसूस करते हैं.
गांगुली ने सदस्यों को खिलाड़ियों के मैच शुल्क में पर्याप्त वृद्धि करने पर गंभीरता से विचार करने के लिये कहा. सभी सदस्य उनके विचार पर सहमत थे. गौरतलब है कि भारतीय आफ स्पिनर हरभजन सिंह ने पूर्व कोच अनिल कुंबले को पत्र लिखकर उन्हें रणजी ट्राफी खिलाड़ियों की खराब स्थिति के बारे में बताया था. कुंबले ने हालांकि अपने विजन दस्तावेज में घरेलू क्रिकेटरों के बारे में जिक्र नहीं किया था