CM ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से किया अनुरोध,तीन तलाक पर जल्द बनाए कानून

भोपाल। मुस्लिम समाज में दिए जाने वाले तीन तलाक को उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ के बहुमत के आधार पर असंवैधानिक घोषित किया है। इस फैसले का स्वागत करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार से इस पर जल्द कानून बनाने का अनुरोध किया है।
-फैसला आने के कुछ ही मिनटों बाद ही सीएम चौहान ने अपने ट्वीट में कहा- हम सुप्रीमकोर्ट के ट्रिपल तलाक़ पर दिए गए आदेश का स्वागत करते हैं। केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि यह कानून जल्द से जल्द पारित किया जाए।
-सीएम ने लिखा है कि- ट्रिपल तलाक़ जैसी प्रथाएं हमारी बहनों, बेटियों के लिए मानसिक व सामाजिक प्रताड़ना के समान हैं एवं आधुनिक भारतीय समाज के विकास में भी बाधक हैं। उच्चतम न्यायालय ने बहुमत से दिए अपने फैसले में “इंस्टेंट ट्रिपल तलाक” को असंवैधानिक घोषित किया है।
मंगलवार को कोर्ट में हुआ ये
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैरकानूनी करार दिया है। मंगलवार को 5 जजों की बेंच ने इस पर फैसला सुनाया। 3 जजों, जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस आरएफ नरीमन ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया। कोर्ट ने तीन तलाक पर 6 महीने की रोक लगा दी। ये भी कहा कि सरकार इस पर कानून बनाए। कोर्ट को ये तय करना था कि तीन तलाक महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का हनन करता है या नहीं, यह कानूनी रूप से जायज है या नहीं और तीन तलाक इस्लाम का मूल हिस्सा है या नहीं? इससे पहले केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा था कि वह तीन तलाक को जायज नहीं मानती और इसे जारी रखने के पक्ष में नहीं है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने माना था कि वह सभी काजियों को एडवायजरी जारी करेगा कि वे तीन तलाक पर न सिर्फ महिलाओं की राय लें, बल्कि उसे निकाहनामे में शामिल भी करें।
2016 में दायर हुई थी पिटीशन
– फरवरी 2016 में उत्तराखंड की रहने वाली शायरा बानो (38) वो पहली महिला बनीं, जिन्होंने ट्रिपल तलाक, बहुविवाह (polygamy) और निकाह हलाला पर बैन लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की। शायरा को भी उनके पति ने तीन तलाक दिया था।
– ट्रिपल तलाक यानी पति तीन बार ‘तलाक’ लफ्ज बोलकर अपनी पत्नी को छोड़ सकता है। निकाह हलाला यानी पहले शौहर के पास लौटने के लिए अपनाई जाने वाली एक प्रॉसेस। इसके तहत महिला को अपने पहले पति के पास लौटने से पहले किसी और से शादी करनी होती है और उसे तलाक देना होता है। सेपरेशन के वक्त को इद्दत कहते हैं। बहुविवाह यानी एक से ज्यादा पत्नियां रखना। कई मामले ऐसे भी आए, जिसमें पति ने वॉट्सऐप या मैसेज भेजकर पत्नी को तीन तलाक दे दिया।
शायरा बोलीं- अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई
-शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि कोर्ट ने मुस्लिम समुदाय को दिशा दे दी है। अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। समाज आसानी से इसे स्वीकार नहीं करेगा। अभी लड़ाई बाकी है।
कितनी पिटीशंस दायर हुई थीं?
-मुस्लिम महिलाओं की ओर से 7 पिटीशन्स दायर की गई थीं। इनमें अलग से दायर की गई 5 रिट-पिटीशन भी हैं। इनमें दावा किया गया है कि तीन तलाक अनकॉन्स्टिट्यूशनल है।
भारत में तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं की स्थिति
-‘इंडियास्पेंड’ एनजीओ के 2011 सेंसस के एनालिसिस के मुताबिक, भारत में अगर एक मुस्लिम तलाकशुदा पुरुष है तो 4 महिलाएं हैं।
-रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सिखों को छोड़ दें तो अन्य कम्युनिटीज में पुरुषों की बजाय तलाकशुदा महिलाओं की तादाद ज्यादा है। मुस्लिमों में ये रेशो 79:21 (यानी 79 महिलाएं और 21 पुरुष तलाकशुदा), अन्य धर्मों में 72:28 और बौद्धों में 70:30 है।
-2011 की सेंसस के मुताबिक, भारत में तलाकशुदा महिलाओं में 68% हिंदू और 23.3% मुस्लिम हैं।
-देश में मुस्लिमों की आबादी 17 करोड़ है। इनमें करीब आधी यानी 8.3 करोड़ महिलाएं हैं।
-महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा तलाकशुदा लोग (2.09 लाख) हैं। इनमें से तलाकशुदा महिलाओं की संख्या 1.5 लाख (73.5%) है।