रियल्टी कीमतों पर नहीं नोटबंदी का असर, 50 में से 26 शहरों में बढ़े मकानों के दाम

अगर आपको लगता है कि नोटबंदी ने रियल एस्टेट कारोबार की कमर तोड़ दी है और मकानों के दाम में जबरदस्त गिरावट आई है तो एक बार फिर सोच लीजिए क्योंकि आंकड़े तो कुछ और ही बता रहे हैं। नैशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) के एक अध्ययन के मुताबिक देश में 50 में से 26 शहरों में मकानों के दाम पिछले साल दिसंबर से इस साल मार्च के बीच चढ़ गए हैं। इनमें महानगर भी हैं, राज्यों की राजधानियां भी और छोटे शहर भी।

50 शहरों में रियल एस्टेट पर नजर रखने वाले एनएचबी रेसिडेंस इंडेक्स के मुताबिक दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद और नवी मुंबई में मकानों के दाम बेशक घटे होंगे, लेकिन छोटे शहरों में कीमतें बढ़ी हैं। विजाग और रायपुर में रियल एस्टेट के दाम 10 फीसदी उछले हैं और कानपुर में 8 फीसदी तेजी आई। इन तीन महीनों में भुवनेश्वर में रियल्टी के दाम सबसे ज्यादा 11 फीसदी चढ़े। ये आंकड़े बैंकों और हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों से मिली जानकारी पर आधारित है। इन संस्थाओं ने ऋण देते समय संपत्तियों का मूल्यांकन किया था। इस अध्ययन में 100 वर्ग फुट से 10,000 वर्ग फुट की आवासीय संपत्तियों को शामिल किया गया था।

पिछले साल 8 नवंबर से शुरू हुई नोटबंदी का असर महानगरों के जमीन-जायदाद के बाजार पर बहुत ज्यादा पडऩे की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन महानगरों में भी रियल एस्टेट की कीमतें थोड़ी बढ़ गईं। ठाणे में भी कीमतों में 2 फीसदी तेजी आई। सूचकांक के मुताबिक दिल्ली में इस दौरान दाम 6 फीसदी गिरे, लेकिन गुरुग्राम में इतने ही चढ़ गए। ग्रेटर नोएडा में मकान की कीमतों में कमी आई। सूचकांक के आंकड़ों से साफ है कि वडोदरा, नासिक, पुणे जैसे शहरों में कीमतों में तेजी आई है। एनएचबी के प्रबंध निदेशक श्रीराम कल्याणरामन ने कहा, ‘आंकड़े बता रहे हैं कि नोटबंदी का नकारात्मक असर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था। खासकर छोटे शहरों में तो मकानों की कीमतें चढ़ी हैं।’