बचत के लिए बैंको मे पैसे जमा करना महिलाओं की पहली पसंद

नई दिल्ली। कारोबार को समझने और पैसे बचाने के मामले में महिलाएं पुरूषों से ज्यादा समझदार होती है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि करीब 50 फीसदी महिलाएं बैंकों में ही पैसा रखना पसंद करती हैं। प्लेसिंग रियल्टी इन डिजिटल इकोसिस्टम नाम के एक हालिया सर्वे के अनुसार 72 फीसदी ग्रामीण महिलाएं बैंकिंग संस्थानों मे पैसा जमा करना ज्यादा पसंद करती है। सर्वे में ये भी सामने आया कि बैंक खाते का इस्तेमाल और उसमे जमा बैलेंस खाताधारकों के व्यवसाय पर निर्भर करता है। ये सर्वे ग्रामीण फाउंडेशन, जेपी मॉर्गन और इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आनंद ने मिलकर उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर में 25 हजार लोगों पर किया है।

सर्वे के अनुसार बैंकों मे लेनदेन शुरू करने मे पुरूषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा आगे है। करीब 48 फीसदी महिलाएं बैंकों मेे पैसा जमा करना अपनी पहली पसंद मानती है। इसके उलट पुरूष घर में ही पैसा रखना पसंद करते है। सर्वे से पता चला कि महिलाओं की पहुंच वित्तिय सेवाओं तक होने से घर में ज्यादा बचत होती है और वित्तिय दिक्कतों से निपटने में ज्यादा आसानी होती है। यदि महिलाओं को सही तरीके से इसके लिए ट्रेनिंग दी जाए तो वो डिजिटल फाइनेंशियल इंक्लूजन को रफ्तार दे सकती हैं।

सर्वे के अनुसार पुरूषों के मुकाबले महिलाओं का बैंक खाता होने या उनके पास मोबाइल होने की संभावना कम होती है। ऐेसे में यदि उनके पास डिजिटल वित्तिय सेवाओं की पहुंच हो तो वे अपने वित्तिय फैसलों से जुड़ी जानकारी पाने के लिए वो अधिक सक्रिया एवं उत्सुक होंगी। वित्तिय समावेश (फाइनेंशियल इंक्लूजन) पर आयोजित एक कार्यक्रम मे केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, डिजिटल प्लेटफार्म देश मे होने वाले वित्तिय समावेश की बुनियाद है और सरकार इसपर पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।

डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्मार्ट सिटी और स्किल इंडिया जैसे अभियान ऐसें वित्तिय समावेश के लिए कारगर है। डिजिटल समावेश के लिए तीन बातों का होना बहुत जरूरी है। पहली बाता ये कि नई तकनीक तक सबकी पहुंच हो, दूसरी बात ये कि ये तकनीक सबको समावेश के तरफ ले जाए और तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि मौजूदा तकनीक हमेशा अपग्रेड होती रहे।