अमेरिका अब और नहीं झेलेगा उत्तर कोरिया की मनमानी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह लंबे समय तक उत्तर कोरिया की मनमानी नहीं झेलेगा। उत्तर कोरिया नहीं माना तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही यह भी कहा कि उत्तर कोरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई उनके लिए पहला विकल्प नहीं है। ट्रंप ने इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से भी टेलीफोन पर बात की। दोनों नेता उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार विहीन करने के लिए कुछ और कदम उठाने पर सहमत थे। इस बीच दक्षिण कोरिया में गुरुवार को उत्तर कोरिया से होने वाले मिसाइल हमले से बचाव के लिए थाड एंटी मिसाइल सिस्टम की चार बैटरी और तैनात कर दी गईं। इसके विरोध में प्रदर्शन होने की भी जानकारी मिली है जिसमें दर्जन भर लोग घायल हुए हैं।
चिनफिंग के साथ 45 मिनट की वार्ता में ट्रंप ने उनसे उत्तर कोरिया को काबू करने के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा। कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप की समस्या को बातचीत के जरिये सुलझाने के लिए वह अपने पूरे प्रभाव का इस्तेमाल करें। चीन उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी और पड़ोसी है। इस बीच दक्षिण कोरिया ने एक बार फिर कहा है कि उत्तर कोरिया लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण की तैयारी कर रहा है। संभवत: शनिवार को वह इसका परीक्षण करेगा। उत्तर कोरिया ने रविवार को हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था जिसके बाद अमेरिका और उसके मित्र राष्ट्रों की चिंता बढ़ गई है। उत्तर कोरिया ने अमेरिकी सैन्य कार्रवाई होने पर जवाब में परमाणु हमला करने की चेतावनी दी है।
उत्तर कोरिया के साझीदारों पर प्रतिबंध
अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीव नूचिन ने संकेत दिया है कि अमेरिका उन देशों पर प्रतिबंध की कार्रवाई करेगा जो उत्तर कोरिया के साथ कारोबार करते हैं। ऐसा तब होगा जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया पर और कड़े प्रतिबंध लगाने में असफल रहती है। अमेरिका उत्तर कोरिया को पेट्रोलियम पदार्थो के निर्यात और टेक्सटाइल के आयात पर प्रतिबंध लगवाना चाहता है। नूचिन ने कहा, अब हमारा उद्देश्य उत्तर कोरिया को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने का है। जबकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कह चुके हैं कि प्रतिबंधों और दबाव से समस्या नहीं सुलझेगी। चीन भी बातचीत से समस्या का समाधान करने का पक्षधर है।