बिजली बिल बकायादारों के लिए सीएम ने किया समाधान योजना का शुभारंभ, नब्बे लाख लोगों को मिलेगा लाभ

तीन करोड रुपए से अधिक के बिजली बिल पर सरचार्ज होगा माफ

 

भोपाल 3 नवंबर।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बिजली बिल बकायादारों को बड़ी राहत देने के लिए राज्‍य शासन के ऊर्जा विभाग की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा लागू की गई समाधान योजना 2025-26 का शुभारंभ एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के भोपाल स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में सोमवार को किया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि समाधान योजना से मध्य प्रदेश के 90 लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। जो लोग किसी कारणवश समय पर अपने बिजली बिल नहीं भर पाए उनके लिए यह योजना राहत के द्वार खोलगी।

सीएम ने कहा कि इस योजना में तीन हजार करोड रुपए से अधिक  बिजली बिल पर सरचार्ज माफ किया जाएगा। तीन माह तक का सरचार्ज रखने वाले उपभोक्ताओं को सौ प्रतिशत सरचार्ज छूठ का लाभ मिलेगा।

शुभारंभ कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री  प्रद्युम्‍न सिंह तोमर, महापौर  मालती राय, अपर मुख्‍य सचिव ऊर्जा  नीरज मंडलोई, सचिव ऊर्जा  विशेष गढ़पाले, एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक  अविनाश लवानिया, मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक  क्षि‍तिज सिंघल, समाजसेवी राहुल कोठारी,  रविन्‍द्र यति सहित कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

राज्‍य शासन द्वारा लागू की गई समाधान योजना 2025-26 को 3 माह से अधिक अवधि के बिजली बिल बकायादारों के लिए 03 नवंबर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक दो चरणों में लागू किया गया है।

समाधान योजना 2025-26 : एक नजर में

समाधान योजना 2025-26 का उद्देश्य 3 माह से अधिक अवधि के उपभोक्ताओं को बकाया विलंबित भुगतान के सरचार्ज पर छूट प्रदान करना है। यह योजना जल्दी आएं, एकमुश्‍त भुगतान कर ज्यादा लाभ पाएं के सिद्धांत पर आधारित है। इस योजना में उपभोक्ता को प्रथम चरण में एकमुश्‍त भुगतान करने पर सबसे अधिक लाभ होगा जबकि द्वितीय चरण के दौरान छूट का प्रतिशत क्रमशः कम होता जाएगा। यह योजना दो चरणों में प्रारंभ होकर प्रथम चरण की शुरुआत 3 नवंबर से 31 दिसंबर 2025 तक रहेगी जिसमें 60 से लेकर 100 प्रतिशत तक सरचार्ज माफ किया जाएगा। इसी तरह द्वितीय और अंतिम चरण में जो कि एक जनवरी से 28 फरवरी 2026 तक लागू रहेगी, इसमें 50 से 90 फ़ीसदी तक सरचार्ज माफ किया जाएगा। प्रथम चरण में एकमुश्‍त राशि जमा कराने पर अधिकतम लाभ होगा। समाधान योजना 2025-26 का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण कंपनियों यथा म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल हेतु portal.mpcz.in, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर हेतु www.mpez.co.in एवं म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर हेतु www.mpwz.co.in पर पंजीयन कराना होगा। पंजीयन के दौरान अलग-अलग उपभोक्ता श्रेणी के लिए पंजीयन राशि निर्धारित की गई है। घरेलू एवं कृषि उपभोक्ता कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत तथा गैर घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ता कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत भुगतान कर पंजीयन कराकर योजना में शामिल होकर लाभ उठा सकते हैं। विस्तृत विवरण तीनों कंपनियों की वेबसाइटों पर भी देखा जा सकता है साथ ही विद्युत वितरण केंद्र में पहुंचकर भी योजना के संबंध में जानकारी ले सकते हैं।

छूट का विवरण

क्र.स.

उपभोक्ता श्रेणी

शेष बकाया राशि का भुगतान करने के विकल्प

बकाया विलम्बित भुगतान अधिभार (संचयी) में छूट (प्रतिशत में)

3 नवंबर 2025 से

31 दिसंबर 2025 तक

(प्रथम चरण)

1 जनवरी 2026 से 28 फ़रवरी 2026 तक

(द्वितीय एवं अन्तिम चरण)

1.

एल.वी.-1 (घरेलू- स्थाई एवं अस्थाई संयोजन),

एल.वी.-5(कृषि),

एच.वी-5 (केवल कृषि),

एकमुश्त भुगतान

100%

90%

6 किश्तों में भुगतान

70%

60%

2.

एल.वी-2 (गैर-घरेलू),

एल.वी.-4 (LT औद्योगिक),

एच.वी.-3 & 4(HT औद्योगिक),

एकमुश्त भुगतान

80%

70%

6 किश्तों में भुगतान

60%

50%

 

*योजनांतर्गत छूट प्राप्त करने की प्रक्रिया*

योजना के अंतर्गत उपभोक्ता के पास बकाया राशि का एकमुश्त अथवा किश्तों में भुगतान करने का विकल्प रहेगा। किश्तों में भुगतान करने हेतु उपभोक्ता को पंजीकरण कराना होगा। बकाया विलम्बित भुगतान अधिभार (संचयी) की छूट का लाभ पाने हेतु एकमुश्त भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को छूट की राशि को घटाते हुए पूर्ण भुगतान करना होगा। किश्तों में भुगतान करने का विकल्प चुनने वाले उपभोक्ता द्वारा निर्धारित पंजीकरण राशि जमा कर, पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण हेतु उपभोक्ता को वितरण केन्द्र/अनुविभागीय कार्यालय में संपर्क कर, छूट तथा किश्तों की राशि का निर्धारण कराना होगा। पंजीकरण कराते समय उपभोक्ता को संपर्क हेतु मोबाईल नम्बर देना होगा, जिससे भविष्य में आवश्यकता होने पर उपभोक्ता से सम्पर्क किया जा सके। पंजीकरण के उपरान्त उपभोक्ता द्वारा शेष बकाया धनराशि का एकमुश्त अथवा किश्तों में भुगतान विद्युत वितरण कंपनियों के प्रचलित भुगतान माध्यमों से किया जा सकेगा।

 

योजना में शामिल होने के उपरांत डिफाल्टर होने पर

किश्तों में भुगतान करने हेतु पंजीकृत उपभोक्ता द्वारा प्रथम बार यदि किसी भी किश्त का निर्धारित नियत तिथि तक भुगतान नहीं किया जाता है, तो उसे विलम्बित हुई किश्त की राशि के साथ-साथ, उसी राशि पर विलम्बित अधिभार का भुगतान, आगामी किश्त की तिथि के पूर्व करना होगा। यदि किसी उपभोक्ता द्वारा 2 किश्तों का भुगतान, दूसरी किश्त की निर्धारित नियत तिथि तक नही किया जाता है, तो ऐसे उपभोक्ता को डिफाल्टर माना जायेगा। डिफाल्टर होने पर योजना के लाभ से वंचित कर दिया जायेगा तथा बकाया विलम्बित भुगतान अधिभार में दी गयी छूट व डिफाल्टर होने तक की अवधि तक का अतिरिक्त विलम्बित भुगतान अधिभार यदि देय हो तो विद्युत बिल में जोड़ दिया जायेगा, जो कि उपभोक्ता द्वारा भुगतान योग्य होगा। ऐसे उपभोक्ता का कनेक्शन विच्छेदित कर नियमानुसार वसूली की कार्यवाही की जावेगी।

 

किश्तों के भुगतान हेतु नियत तिथि

पंजीकरण कराने के उपरांत प्रथम किश्त का भुगतान, आगामी विद्युत बिल की नियत तिथि के अन्दर सुनिश्चित करना होगा। कृषि उपभोक्ताओं द्वारा किश्तों के भुगतान हेतु नियत तिथि, प्रत्येक माह की अन्तिम कार्यालयीन दिवस को रहेगी। प्रथम किश्त का भुगतान करने के पश्चात, उपभोक्ता को शेष किश्तों का भुगतान उनके आगामी मासिक बिजली बिलों की नियत तिथि तक ही सुनिश्चित करना होगा। विद्युत बिल में बकाया राशि होने के कारण, उपभोक्ता द्वारा किये गये किश्तों के अग्रिम भुगतान पर किसी प्रकार की अग्रिम भुगतान छूट देय नहीं होगी।

योजना के अन्य नियम व शर्ते

उपभोक्ता की जानकारी के लिए पंजीकरण रसीद के साथ सम्भावित छूट की धनराशि एवं किश्तों/बकाया धनराशि का एकमुश्त भुगतान करने के लिए नियत तिथियों की तालिका प्रदर्शित की जायेगी। शेष बकाया विद्युत बिल का पूर्ण भुगतान होने पर आगामी देयक में उपभोक्ता को विलंबित अधिभार में दी गई छूट को दर्शाया जायेगा। यदि किसी उपभोक्ता के देयकों में ऑडिट रिकवरी अथवा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत बिल की गयी राशि जुड़ी हुई हो तो, इस राशि का पूर्ण भुगतान करने के पश्चात ही शेष बकाया राशि पर योजना का लाभ लेने हेतु उपभोक्ता पात्र होगा। उपभोक्ताओं जिनके विरूद्ध ड्युस रिकवरी एक्ट (DRA) के अन्तर्गत आर.आर.सी. जारी की जा चुकी है, भी इस योजना में पात्र होंगे। परन्तु ऐसे प्रकरणों में नियमानुसार देय चार्जेस का भी भुगतान लेना अनिवार्य होगा।