12 शतक लगाने वाले पुजारा को टेस्ट मैचों में है इस खास ‘अर्धशतक’ का इंतज़ार

टेस्ट करियर में 12 सेंचुरी लगाने वाले सौराष्ट्र के दिग्गज बैट्समैन चेतेश्वर पुजारा को एक खास अर्धशतक का इंतजार है. अब आप सोच रहे होंगे, जो 12 सेंचुरी लगा चुका हो, उसे एक अदद हाफ सेंचुरी का इंतजार क्यों होगा? तो बता दें कि पुजारा 49 मैच खेल चुके हैं. श्रीलंका के खिलाफ सीरीज का दूसरा टेस्ट उनके करियर का 50वां मैच होगा. यह मुकाबला 3 से 5 अगस्त तक कोलंबो में खेला जाएगा.
पिछला श्रीलंका दौरा रहा करियर का टर्निंग पॉइंट
देखा जाए तो पुजारा के लिए श्रीलंका दौरा ही टर्निंग पॉइंट रहा. पिछले दौरे पर उन्हें शुरुआती दो मुकाबलों में नहीं खिलाया गया था. तीसरे मुकाबले में उन्होंने 145 रन की जोरदार पारी खेलकर वापसी की. उसके बाद से तो पुजारा लगातार रन बना रहे हैं. पहले कहा जाता था कि पुजारा विदेशी मैदानों पर हिट नहीं है, लेकिन अब मामला बदल गया है. टीम इंडिया के वो भरोसेमंद बैट्समैन बन चुके हैं.
50वें टेस्ट से पहले ये कहा
50वें मुकाबले से पहले पुजारा ने कहा, ‘अभी तक का सफर शानदार रहा है. देश के लिए 50वें टेस्ट मैच में खेलना मेरे लिए गर्व का क्षण है. हां, इसमें उतार-चढ़ाव रहे हैं, लेकिन मेरी हाल की अच्छी फॉर्म को देखते हुए मैं अपने 50वें टेस्ट में कुछ रन जुटाने के लिये प्रतिबद्ध हूं.’
पिता को किया याद, कहा- वो सबसे खराब आलोचक
इस मौके पर उन्होंने अपने पिता को भी याद किया. पुजारा ने अपने पिता के योगदान के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मेरे पिता हमेशा मेरे सर्वश्रेष्ठ और खराब आलोचक रहे हैं. कभी कभार वह काफी आलोचना करते हैं, लेकिन अब हमारी आपसी समझ ऐसी हो गयी है, जिसमें हम हमेशा बातचीत के बाद निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं और अब वह इतने ज्यादा सख्त नहीं हैं.’
सबसे कठीन थे वो दिन
पुजारा के लिए उनका 7 साल का करियर 2015 तक मुश्किलों भरा रहा. शुरुआती चरण में उन्हें घुटने की चोट का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘चोटिल होना मेरे करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय रहा. मैं घुटने की चोट के कारण छह महीने तक बाहर रहा और फिर दोबारा 2011 में मैं फिर 6 महीने के लिए बाहर हो गया. मैं पूरे साल नहीं खेल सका, जो मेरे लिए काफी कठिन था.’
अब तक का करियर
अभी तक पुजारा ने 49 टेस्ट मैचों में 52.18 के औसत से 3966 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक शामिल हैं. गॉल में समाप्त हुए पहले टेस्ट में शतक बनाया बना था, जिसमें भारत ने चार दिन के अंदर 304 रन से जीत दर्ज की थी.