IMF ने इंडिया के ग्रोथ अनुमान को 7.2 फीसद पर बनाए रखा, चीन के लिए अनुमान बढ़ाया

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2017-18 में भारत के आर्थिक विकास अनुमानों को 7.2 फीसद पर बरकरार रखा है, जो कि पिछले वर्ष के 7.1 फीसद से थोड़ा ज्यादा है। हालांकि अप्रैल में अनुमानित ग्रोथ रेट के स्तर को बनाए रखने के बावजूद आईएमएफ ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में ग्रोथ रेट बढ़कर 7.7 फीसद तक जा सकती है।

वित्त वर्ष 2016-17 में इंडिया की इकोनॉमिक ग्रोथ गिरकर 7.1 फीसद पर आ गई थी, जो कि बीते वित्त वर्ष की 8 फीसद ग्रोथ से काफी कम है। इसकी प्रमुख वजह नोटबंदी को बताया जा रहा है। अपने विश्व आर्थिक आउटलुक में किए गए अवलोकन के मुताबिक आईएमएफ ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में दर्ज की गई विकास दर वित्त वर्ष 2018-19 में भी हासिल नहीं की जा सकेगी। साल 2016-17 में वृद्धि कम होनी चाहिए क्योंकि सरकार ने पूंजीगत व्यय के मामले में हस्तक्षेप नहीं किया था।

आईएमएफ ने कहा, “जबकि मुद्रा विनिमय पहल के बाद गतिविधियां धीमी थी 2016 में 7.1 फीसद की ग्रोथ अनुमान से बेहतर रही क्योंकि सरकारी खर्चों में इजाफा किया गया और डेटा संशोधन के प्रयास भी तेज हुए। यह वर्ष के पहले हिस्से में मजबूत गति को दिखाते हैं।”

अंतरराष्ट्रीय संगठन ने कहा कि वर्ष 2017 और 2018 में इंडिया की ग्रोथ के आगे बढ़ने का पूर्वानुमान है, जैसा कि अप्रैल पूर्वानुमानों में भी कहा गया था। चीन के विकास अनुमानों को बढ़ाए जाने के बावजूद इंडियन इकोनॉमी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बनी रहेगी। वर्ष 2017 में चीन की इकोनॉमी के 6.7 फीसद से बढ़ने का अनुमान है जो कि अप्रैल के पूर्वानुमान से 0.1 फीसद ज्यादा है। जबकि अप्रैल में यह 6.4 रह सकती है जो कि पूर्वानुमान से 0.2 फीसद ज्यादा है।