कृषि मंत्री को घेरा और जमीन पर लेट गए छात्र, ज्ञापन पर ही लिखकर दिया तब माने
नौकरी नहीं मिलने से परेशान कृषि की डिग्री लेने वाले छात्रों का गुस्सा मंगलवार को कृषि मंत्री पर फूटा। छात्रों ने उन्हें घेर लिया और उनके सामने जमीन पर लेट गए। उन्होंने मांग रखी कि प्रदेश में कृषि विभाग में 8487 पद खाली हैं। जब तक आप खाली पद भरने की घोषणा नहीं करेंगे, यहां से जाने नहीं देंगे। पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को हटाने की खूब कोशिश की, लेकिन उनका जोश देख वे शांत हो गए। आखिर मंत्री ने उनके ज्ञापन पर ही लिखकर दिया कि जल्द ही विज्ञापन जारी कर खाली पद भरे जाएंगे।
यहां कृषि मेले में शामिल होने आए मंत्री गौरीशंकर बिसेन को छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। कृषि मेले के समापन कार्यक्रम के बाद जैसे ही मंत्री मंच से उतरकर जाने लगे, छात्रों ने तख्तियां लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। छात्र दिलीप राजपूत, राधे जाट, लखन परमार, श्याम धाकड़ आदि ने बताया कि सरकार ने 2015 के राजपत्र में सीधी भर्ती से पद भरने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन 2017 में प्रमोशन से पद भरने की तैयारी कर ली। इससे प्रदेश के विभिन्न कृषि कॉलेजों से पास होकर निकल रहे कृषि स्नातक बेरोजगार हो रहे हैं।
प्रमोशन से पद भरेंगे तो हमें कब मिलेगी नौकरी
छात्रा रिनी श्रीवास, मधुबाला प्रजापति, दीपशिखा ने कहा जब प्रमोशन से सारे पद भर दिए जाएंगे तो हमें नौकरी कब मिलेगी। प्रदेश के आठ शासकीय कृषि कॉलेजों से हर साल कम से कम 800 विद्यार्थी उत्तीर्ण होते हैं। इनके लिए सरकार के पास कोई काम नहीं है। छात्रों की बात सुनने के बाद मंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने फैसला लिया है कि प्रदेश में सरकारी नौकरियों में अब मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को आयु में रियायत दी जाएगी।
प्रदेश के बाहर के आवेदकों के लिए सरकारी नौकरी में आवेदन की अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष, जबकि प्रदेश के मूल निवासियों के लिए 40 वर्ष रहेगी। इस घोषणा के बाद छात्रों के तेवर नरम पड़े और मंत्री को जाने दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मप्र गृह निर्माण और अधोसंरचना मंडल के अध्यक्ष कृष्णमुरारी मोघे, जिला पंचायत अध्यक्ष कविता पाटीदार, विधायक महेंद्र हार्डिया आदि थे।