सौ कौरवों की माता ऐसे बनी थी गांधारी, ये है महाभारत की बेहद इंटरेस्टिंग कहानी
धृतराष्ट्र जन्मजात नेत्रहीन थे, मगर उनकी पत्नी गांधारी अपनी इच्छा से नेत्रहीन थी। धृतराष्ट्र चाहते थे कि उनके भाइयों की संतान होने से पहले उनको संतान हो जाए, क्योंकि नई पीढ़ी का सबसे बड़ा पुत्र ही राजा बनता। उन्होंने गांधारी से खूब प्रेमपूर्ण बातें कीं ताकि वह किसी तरह एक पुत्र दे सके। मगर ऐसा हो नहीं पा रहा था। आखिरकार एक दिन मुनि व्यास हस्तिनापुर आए। गांधारी ने उनकी खूब सेवा की। महर्षि व्यास ने गांधारी से प्रसन्न होकर वर मांगने को कहा तब गांधारी ने धृतराष्ट्र के समान सौ पुत्र होने का वरदान मांगा। व्यासजी ने आशीर्वाद दिया।