उमा भारती का बयान, बुंदेलखंड में शामिल नहीं होगा MP के हिस्से वाला बुंदेलखंड
सागर. बुंदेली पानी, भरपूर किसानी बुंदेलखंड जलसंरक्षण कार्यक्रम के तहत करीब 600 करोड़़ की जलसंरचाओं व जीर्णोद्धार कार्यक्रम का शुभारंभ जलसंसाधन केंद्रीय मंत्री उमाभारती ने किया। सागर जिले के खुरई विधानसभा के बांदरी गांव में आयोजित कार्यक्रम में उमा भारती ने बुंदेलखंड पर बड़ा बयान दिया कि अब मप्र वाला बुंदेलखंड पृथक बुंदेलखंड राज्य में शामिल नहीं होगा।
बुंदेलखंड पर उमा भारती ने कहा कि पहले मध्यप्रदेश जब विकसित नहीं हुआ था, तब यहां के लोग पृथक बुंदेलखंड की मांग करते थे। अब इसलिए पृथक राज्य की मनाही कर रहे हैं, क्योंकि बुंदेलखंड अब तरक्की की राह पर है, इसलिए अब मप्र के हिस्से वाला बुंदेलखंड पृथक राज्य बुंदेलखंड में शामिल नहीं होगा। अगले 3 सालों में मप्र के बुंदेलखंड को सूखा मुक्त किया जाएगा। मप्र के बुंदेलखंड में करीब 600 करोड़ की राशि से पुरानी जल संरचानाओं तालाबों का संरक्षण व जीर्णोद्धार होगा। गंगा को सात साल में साफ करेंगे।
बूंद-बूंद पानी को सहेजने के लिए केंद्रीय जलसंसाधन विभाग प्रदेश के जलसंसाधन विभाग के साथ सहयोग करेंगे पानी से लबालब कर देंगे। सागर की ऐतिहासिक झील को भी संरक्षित करने की योजना जल्द ही केंद्रीय जल आयोग व पर्यावरण विभाग बनाएंगे। भारती ने कांग्रेस पर भी हमला किया जो 72 साल में कांग्रेस सरकार नहीं कर सकी वह भाजपा की प्रदेश सरकार ने 8 साल में कर दिखाया। जिसकी वजह से प्रदेश को पांचवी बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। उन्होंने आमजनों से कहा कि सरकारी की जिम्मेदारी पानी, सड़की बिजली देने की है, लेकिन इसको संरक्षित रखने की जिम्मेदारी आमजन की है।
उमाभारती ने कहा कि बुंदेलखंड के लिए केंद्र सरकार की 18 हजार करोड़ रुपए लागत वाली केन बेतवा रिवर लिंक परियोजना की रूपरेखा अंतिम चरण में है। दो तीन दिन पहले केंद्र सरकार ने इस पर बैठक की है, और सुप्रीम कोर्ट की कुछ आपत्तियों के निराकरण होते ही इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शुभारंभ हो जाएगा।
भारती ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा है कि देश में इस तरह के किसी भी प्रोजेक्ट की शुरुआत बुंदेलखंड से होना चाहिए और केन बेतवा परियोजना इसके लिए आदर्श है। उमा जी ने कहा कि केन बेतवा परियोजना से बुंदेलखंड की कुल छह लाख हेक्टेयर यानि 15 हजार एकड़ भूमि सिंचित होगी। इसमें से मप्र के बुंदेलखंड की चार लाख हेक्टेयर और उप्र के बुंदेलखंड की दो लाख एकड़ भूमि सिंचित होगी।
सागर कलेक्टर विकास नरवाल ने कहा कि सागर जिले को जल अभावग्रस्त जिला घोषित कर दिया है। आज जारी आदेश में कहा गया है कि जल परिरक्षण अधिनियम 1986 संशोधित 2002 की धाराओं के तहत सागर जिले को जल अभावग्रस्त घोषित करते हुए निकायों व संबंधित सरकारी विभागों को अधिनियम में दी गई, शक्तियों का प्रयोग करते हुए पानी का संरक्षण और उपयोग को नियंत्रित करने के उपाय सुनिश्चित करने को कहा है।
इस दौरान मप्र के मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, उत्तरप्रदेश के मंत्री धरमपाल सिंह, मन्नू लाल कोरी, मप्र व उप्र के विधायक व जलसंसाधन विभाग से जुड़े दोनों प्रदेशों के अधिकारियों की मौजूदगी रही।
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