हाईकोर्ट ने दिए आर्डनेंस फैक्ट्री संयुक्त महाप्रबंधक पर एफआईआर के आदेश

इटारसी. आर्डनेंस फैक्ट्री की एक महिला कर्मचारी से दुष्कर्म का प्रयास किया गया है। महिला ने आयुध निर्माणी एजीएम और दो अन्य कर्मचारियों पर आरोप लगाए हैं। महिला जब पुलिस के पास यह शिकायत लेकर पहुंची तो पुलिस ने महिला की बात नहीं सुनी। इसके बाद महिला ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई। हाईकोर्ट ने इस मामले में तुरंत एफआईआर करने के आदेश दिए है।
हाईकोर्ट न्यायाधीश जेके माहेश्वरी ने आदेश दिए हैं कि आरोपियों पर तुरंत अपराध दर्ज किया जाए और एफआईआर के बाद जांच की जाए। इस मामले में महिला की ओर से वकील ने सुप्रीम कोर्ट के एक केस ललिता कुमारी बनाम उत्तरप्रदेश शासन का हवाला दिया था। इस आदेश के अनुसार पहले एफआईआर होना चाहिए इसके बाद जांच होनी चाहिए। इसी आधार पर यह आदेश हुए हैं।
क्या है पूरा प्रकरण
आर्डनेंस फैक्ट्री में भृत्य (एमटीएस) के पद पर पदस्थ महिला 6 से 25 जून 2017 के बीच अवकाश पर थीं। इसके लिए अवकाश का आवेदन दिया था। आवेदन पर टेलीफोन पर छुट्टी की स्वीकृति दी गई थी लेकिन बाद में महिला कर्मचारी को नोटिस थमा दिया गया। इस नोटिस को लेकर 14 जुलाई को जब महिला संयुक्त महाप्रबंधक बी. पटनायक के चेम्बर में पहुंची और यहां महिला अपना पक्ष रख रही थी तभी एजीएम पटनायक ने पीए कृष्णकांत चौधरी को पकडऩे का कहा। बाद में दूसरा कर्मचारी रामशंकर मालवीय ने भी आकर पकड़ लिया। इसके बाद एजीएम पटनायक ने रेप करने का प्रयास किया तभी बचने की कोशिश करते समय वह गिरकर बेहोश हो गई।
पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट
बेहोश होने के बाद महिला को पहले ओएफ अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में सरकारी अस्पताल इटारसी में भर्ती किया गया। इस दौरान पुलिस को बेहोशी की हालात में बयान भी दिए लेकिन पुलिस ने दूसरे दिन 15 जुलाई तक मेडिकल नहीं कराया। पुलिस ने यह कहकर टाल दिया कि रक्षा विभाग का मामला है।
किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हूं। महिला सरासर झूठ बोल रही है। कोई उसे उलझा रहा है।
बी. पटनायक, संयुक्त महाप्रबंधक आर्डनेंस फैक्ट्री
मामला पूरी तरह से फर्जी लग रहा है। इस मामले में जांच डीएसपी एजेके को सौंपी गई है।
आशुतोष प्रताप सिंह, एसपी